- अभियान के प्रभारी को कुछ नहीं पता सब नगर आयुक्त बताएंगे

BAREILLY:

नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ अभियान को शहर में सराहा जा रहा है, लेकिन एक महीने से चल रहे अभियान को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। वजह भेदभाव पूर्ण कार्रवाई बन रही है। इनमें सबसे अधिक चर्चा है तो मालगोदाम रोड पर 2 फरवरी को सिर्फ एक स्कूल और गोयल साहब के मकान पर चले बुलडोजर को लेकर है। इस मकान के दायें-बायें भी नालों पर अतिक्रमण है, जिस पर नगर निगम ने क्रॉस का निशान लगाया है, लेकिन टारगेट बेस्ड कार्रवाई करके चले गए। नतीजा, यह कि प्राइमरी स्कूल के बच्चों की पढ़ाई रुक गई। वह इधर-उधर भटक रहे हैं। कागजों में उनका पास के ही दूसरे सरकारी स्कूल में एडमिशन हो गया है, लेकिन उन्हें इस बारे में कुछ पता ही नहीं है। दूसरी तरफ इस मकान में किराए पर रह रहे तमाम परिवारों की छत छिन गई। इनमें दो दिव्यांग भी हैं वृद्ध और वृद्धा। इन दोनों के घर छत पर हैं और सीढि़यां नाले के ऊपर से उतरती थीं। नगर निगम की टीम ने इनकी सीढि़यां ढहा दीं। मजबूरन दोनों को रिश्तेदारों के घर शरण लेनी पड़ी। वहीं, जिन्हें तथाकथित तौर पर सामान हटाने की मोहलत दी गई उन पर 20 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही किसी ने खुद अपना कब्जा ही तोड़ा।

35 बच्चे नहीं जा रहे स्कूल

नगर निगम की अतिक्रमण हटाने वाली टीम ने मालगोदाम रोड पर 31 जनवरी को लाल निशान लगाया था और 2 फरवरी को प्राइमरी स्कूल और एक घर को निशाना बनाकर तोड़ दिया गया। इन घरों में रहने वाले किराएदारों की मानें तो जिस गोयल साहब का घर है, उनके इशारे पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। टीम से मोहलत भी मांगी गई कि लेकिन उनकी एक भी नहीं सुनी गई। टीम ने बीएसए के अनुरोध को भी अस्वीकार कर स्कूल तोड़ा था। स्कूल टूटने की वजह से 35 बच्चों की पढ़ाई रुक गई है। वह स्कूल नहीं जा रहे हैं। बीएसए का कहना है कि सभी बच्चों का एडमिशन सुभाषनगर के स्कूल में करा दिया गया है, लेकिन इसकी सूचना बच्चों और उनके पेरेंट्स को नहीं है।

पड़ोस को क्यों दी मोहलत

स्कूल और एक घर को तोड़ने के बाद नगर निगम की टीम लौट आयी। 20 दिन बाद भी उधर, झांकने तक नहीं गई। जिस घर को तोड़ा गया है उसके दाई ओर बैंक्वेट हॉल का नाले पर स्लैब है, तो सैफियर होटल का कुछ हिस्सा नाले पर ही बना है, जिस पर एक्शन करने की जरूरत टीम ने नहीं समझा। अग्रवाल धर्मशाला की दीवार को भी छोड़ दिया गया। लक्ष्मी हिंदू होटल और स्वाद होटल के अतिक्रमण के चलते जंक्शन तिराहे पर बॉटल नेक बन गया है। यहां अक्सर जाम लगता रहता है।

अतिक्रमण अभियान के प्रभारी उत्तम कुमार वर्मा से सीधी बात

सवाल - अतिक्रमण तोड़ने के दौरान किसी को मोहलत का क्या पैमाना है।

जवाब - मोहलत दिए जाने का कोई मापदंड नहीं है। मौके पर व्यक्ति की जरूरत को देखते हुए मानवीय आधार पर मोहलत दी जाती है।

सवाल - नाले से अतिक्रमण हटाना उद्देश्य था तो मालगोदाम रोड स्थित स्कूल तोड़ने के बाद बैंक्वेट हॉल और होटल का अवैध कब्जा क्यों नहीं हटाया गया।

जवाब - माल गोदाम रोड पर सभी के अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए गए हैं। यदि, कोई रह गया है, तो देखूंगा। क्योंकि, उस दिन मैं एक केस की सुनवाई के लिए कोर्ट में था।

सवाल - अग्रवाल धर्मशाला की नाले पर बनी दीवार पर लाल निशान लगा हुआ है उसे क्यों नहीं तोड़ा गया।

जवाब - इस बारे में नगर आयुक्त बताएंगे।

सवाल - स्वाद और लक्ष्मी होटल के अतिक्रमण क्यों नहीं तोड़े।

जवाब- मैं कुछ नहीं बता सकता। इस बारे में नगर आयुक्त साहब ही बताएंगे।

सवाल - जंक्शन रोड पर कृष्णा होटल, सैलून की दुकानों की दीवारों पर लाल निशान लगे एक महीने हो गए फिर भी अतिक्रमण क्यों नहीं ध्वस्त किए गए। उन्हें इतने दिन की मोहलत क्यों।

जवाब - जिसने भी अतिक्रमण कर रखे हैं उसे हटाया जाएगा। जंक्शन रोड पर लाल निशान लगाने के बाद अतिक्रमण क्यों नहीं तोड़ा गया इस बारे में पता करूंगा।

सवाल - वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल का कालीबाड़ी में रोड पर बना टॉयलेट क्यों नहीं तोड़ा गया। जबकि आसपास अतिक्रमण तोड़ा गया

जवाब - इस बारे में नगर आयुक्त से ही पूछिए।