- भारी हंगामे के बीच नगर निगम में चुनी गई कार्यकारिणी, भाजपा का बहुमत

- सपा ने कहा, पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए काला दिन रहा चुनाव

BAREILLY:

नगर निगम के इतिहास में पहली बार ट्यूजडे को पर्दे की आड़ में नगर निगम कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। मिनी सदन में मीडिया की एंट्री पर प्रतिबंध के बीच भाजपा के 8 और सपा के 4 सदस्यों को चुना गया, जिस पर जमकर हंगामा सदन में हुआ। 3 घंटे तक तक चली चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सदन से बाहर निकले सपा पार्षदों ने एक नामांकन जबरन खारिज करने का आरोप लगाया। हालांकि, मौके पर ही मेयर डॉ। उमेश गौतम ने कहा कि 'ऐसा कुछ भी नहीं हुआ'। यहां सांसद संतोष गंगवार भी कुछ देर के लिए पहुंचे थे।

नए पार्षदों को बनाया सदस्य

भाजपा ने मेयर के करीबी रहे ज्यादातर नए पार्षदों को ही कार्यकारिणी में जगह दी है। विपुल लाला, विकास शर्मा व अन्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि, पार्षदों ने नामांकन नहीं करने की बात कही है। सपा ने पुराने पार्षदों को ही कार्यकारिणी में जगह दी है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक पुराने पार्षदों को जगह देकर मेयर प्रस्तावों पर टिप्पणी की बजाय सीधे हस्ताक्षर चाहते थे, जो कार्यकारिणी और सदन की कार्रवाइयों से अनभिज्ञ हैं। वहीं, मजबूत विपक्ष रखने के लिए सपा ने पुरानों पर भरोसा जताया है, ऐसी चर्चाएं चुनाव के दौरान चलती रहीं। सपा नेताओं ने परिसर में प्रदर्शन भ्ाी किया।

नगर निगम के लिए काला दिन

सपा पार्षद दल के नेता राजेश अग्रवाल ने चुनाव को नगर निगम का काला दिन करार दिया। कहा सत्ता पक्ष ने उनके एक सदस्य का नामांकन यह कहकर खारिज कर दिया कि नामांकन पर्चा में 'कहता को कहती' लिख दिया है। जबकि ऐसा नहंीं था। कहता को कहती बाद में बनाया गया है। जनता समाचारों के जरिए हकीकत न जान सके इस लिए मीडिया को कवरेज से रोका गया। मीडिया कवरेज करती तो धांधली सब जान जाते। कहा, चुनाव में नियमों को दरकिनार रख नियमों का मखौल उड़ाने की बात कही। कहा, शुरुआत में ही जब धांधली हो रही है तो आगे बरेली का विकास क्या होगा?

पहले नामांकन फिर वापसी

कार्यकारिणी के लिए भाजपा ने 12 और सपा ने 5 प्रत्याशियों का नामांकन कराया था। भाजपा की ओर से पहले 8 ही पार्षदों का नामांकन कराया गया था, लेकिन वार्ड 43 के सपा पार्षद मो। यामीन खां का पर्चा जबरन खारिज के मामले पर सपा ने जब चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया तब तत्काल भाजपा ने 4 पार्षदों का नामांकन करा दिया। बाद में विपक्ष में अपनी दावेदारी करते हुए 4 पार्षदों पर ही सपा ने सहमति जताई। फिर भाजपा के 4 नामांकन वापस हो गए। इसमें आवास विकास की पार्षद शशि सक्सेना, किला छावनी के धर्मवीर साहू, नदौसी की जावित्री देवी और इंद्रानगर के सतीश कातिब के पर्चे वापस हुए। जिस पर सबने सहमति जताई।

पहले ही बना ली थी रणनीति

सूत्रों के मुताबिक चुनाव से ठीक एक दिन पूर्व शहर के एक होटल में भाजपा पदाधिकारियों की एक मीटिंग हुई थी, जिसमें मीडिया को सदन से बाहर रखने पर सहमति बनी थी। ताकि मीडिया भाजपा की ओर से खेले जाने वाले खेल की कवरेज न कर सके। क्योंकि विपक्ष की संख्या अधिक होने पर प्रस्तावों पर असहमति जता सकती थी। ऐसे में, भाजपा ने आधे से अधिक के साथ बहुमत में आने की ठान ली थी। क्योंकि प्रस्ताव पास होने के लिए बहुमत की जरूरत होती है। 7 सदस्यों के साथ भी भाजपा बहुमत में थी लेकिन एक सदस्य अधिक रखा गया। ताकि किसी कारणवश एक सदस्य नहीं आने पर भी प्रस्ताव पर मुहर लग सके।

सपा से कार्यकारिणी में सदस्य

संख्या वार्ड विजेता पार्टी

3 छोटी बिहार अनुपम चमन बीजेपी

8 मॉडल टाउन हरनाम सिंह बीजेपी

16 संजयनगर अवनेश कुमार बीजेपी

77 सौदागरान अतुल कपूर बीजेपी

46 गाँधीपुरम पूनम गंगवार बीजेपी

22 खलीलपुर ऊषा उपाध्याय बीजेपी

60 शाहदाना रूप किशोर बीजेपी

64 सिकलापुर विनोद कुमार सैनी बीजेपी

45 महेाशपुर अटरिया इकबाल अहमद अंसारी सपा

69 शाहबाद अब्दुल कयूम सपा

74 घेर शेख मिठ्ठू सलीम अहमद सपा

78 सूफीटोला मो। अंजुम शमीम सपा

कार्यकारिणी में सभी 12 सदस्यों का चुनाव निर्विरोध संपन्न हुआ। कोई हंगामा या किसी के साथ गलत नहीं हुआ। सब मिलकर विकास की योजनाएं बनाएंगे।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर

चुनाव प्रक्रिया के दौरान जमकर धांधली हुई है। जिसकी कवरेज से मीडिया को रोका गया। बोर्ड बैठक में मीडिया को रोका गया तो हम बैठक का बहिष्कार करेंगे।

राजेश अग्रवाल, नेता, सपा पार्षद दल

पूर्व में हुए कार्यकारिणी के चुनाव में कभी भी मीडिया को बाहर नहीं रखा गया। यह पहली बार हुआ है जब मीडिया को कवरेज से रोका गया है।

विकास शर्मा, पार्षद, भाजपा