- जिम्मेदारों ने कहा, पहले ही किया गया था अलर्ट, नहीं हटे तो हुई कार्रवाई

- आज बाकरगंज में गरजेगी जेसीबी, दो सौ पक्के आवासों को टीम करेगी ध्वस्त

BAREILLY:

24 घंटे की मोहलत पूरी होने के बाद थर्सडे को नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ टीम बाकरगंज पहुंची। दोपहर करीब दो बजे टीम ने लगभग दर्जन भर झुग्गी, झोपड़ी में रहने वालों को बेघर कर दिया। हालांकि, इस दौरान निवासियों ने टीम का विरोध किया और कोर्ट के कागज दिखाए। जिसमें स्थानीय निवासी हाजी रईस मियां द्वारा किया गया इकरारनामा टीम ने देखा, लेकिन लोगों के पास रजिस्ट्री के कोई कागज न होने पर टीम ने निवासियों की फरियाद को अनसुना कर कार्रवाई जारी रखी। साथ ही, पक्के मकानों को ध्वस्त करने के लिए मुनादी कर टीम देर शाम वापस लौटी।

बसाना हमारी जिम्मेदारी नहीं

बाकरगंज के 'नरक' को साफ कराने के लिए करीब 30 वर्षो से रह रहे करीब सौ लोगों के घर नगर निगम ने उजाड़ दिए, लेकिन उनके विस्थापन की कोई योजना नहीं बनाई। जिसकी वजह से यहां लोग सड़कों पर खुले आसमान के नीचे जीवन यापन को मजबूर हो गए हैं। इसमें से करीब दर्जन भर लोग वायरल फीवर से पीडि़त भी हैं। मामले पर जब नगर आयुक्त से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह लोग सरकारी जमीन पर नहीं बसाए गए थे। अवैध तरीके से कब्जा कर रह रहे थे। नगर निगम ने दो माह पहले ही चेतावनी दे रखी थी। जब लोगों ने स्वयं कब्जे नहीं हटाए तो बल प्रयोग करना पड़ रहा है। पूर्व में दी गई चेतावनी पर अमल करना चाहिए था।

बाकरगंज में फिर गरजेगी जेसीबी

बाकरगंज में एक बार फिर पक्के आवास में रहने वालों को चेतावनी दी गई है। नगर निगम ने 24 घंटे अतिरिक्त समय देने की मुनादी बाकरगंज में थर्सडे को कराई है। अगर लोगों ने खुद से अपना कब्जा नहीं हटाया तो दोपहर 2 बजे जेसीबी से पक्के आवास ध्वस्त कर दिए जाएंगे। बता दें कि बाकरगंज की जमीन पर करीब 200 पक्के आवास बने हुए हैं। जमीन को खाली कराकर वहां कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनी को प्लांट लगाने के लिए जमीन हैंडओवर की जाएगी। करीब 10 से 15 हजार वर्गमीटर की जमीन पर प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। नगर आयुक्त 31 मार्च से पहले कंपनी को जमीन देना चाहते हैं। ताकि कंपनी की बनाई कार्ययोजना के मुताबिक नए साल में बाकरगंज से कूड़ा खत्म हो जाए।

सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए पहले ही चेतावनी दी गई थी। लेकिन जब उन्होंने स्वयं से कब्जे नहीं हटाए तो अब कार्रवाई करनी पड़ रही है। कहां रहेंगे, क्या करेंगे यह उन्हें पहले सोचना था।

राजेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त