वार्ड संख्या - 41, बुखारपुरा

वार्ड सभासद - रूपेंद्र पटेल,

जनसंख्या - 34 हजार

वोटर्स - 16 हजार

वार्ड में मोहल्ले - मां वैष्णोधाम पुरम, चंद्रगुप्त पुरम, आकाश पुरम, गार्डन सिटी, जगतपुर पनवडि़या, बुखारपुरा, सहसवानी टोला

BAREILLY:

तबेलों से उठ रही दुर्गध और दूसरी ओर वेल डेवलप्ड कॉलोनी दिख जाए तो आप वार्ड संख्या 41 बुखारपुरा में पहुंच गए हैं। पुराने और नए शहर की तर्ज पर बस रहे यह वार्ड भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। हाल ही में बनाई गई कॉलोनियों को छोड़ दें तो अन्य मोहल्ले या एरिया में उफना रहा नाला, खराब स्ट्रीट लाइट, जर्जर सड़कों और तबेलों के जानवरों समेत सड़कों पर अतिक्रमण का कब्जा किया है। चौड़ी सड़क होने के बाद भी संकरे में जीवन-यापन को मजबूर हैं। यहां निवासी पार्षद की बजाय नगर निगम के अधिकारियों असुविधाओं का जिम्मेदार मान रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की मुहिम वार्ड स्कैन के तहत सैटरडे को जब इस वार्ड का स्कैन किया गया, तो कई वहां के मौजूद निवासियों ने इलाके की समस्याएं बताई

हक आैर हकीकत

गड्ढों में सड़क

मुख्यमार्ग को छोड़ दें, तो अन्य मोहल्ले के निवासी जर्जर सड़कों पर सफर तय कर रहे हैं। पार्षद ने प्रयास कर गलियों में कई निर्माण कार्य करवाए पर अब वह उखड़ने भी लगे हैं। बनाई गई सड़कों के किनारों पर साइड कवर्ड न होने से सड़कें कट कर नाले में समा गई हैं। आकाश पुरम, चंद्रगुप्त पुरम संबंधी इलाकों की सड़क बेहतर हैं पर अन्य मोहल्लों की रोड जर्जर हो गई हैं। यहां बारिश में समस्या बद से बदतर हो जाती हैं।

गंदगी का अंबार

यहां मुख्यमार्ग कूड़ों के ढेर में तब्दील होते जा रहे हैं। मोहल्लों के बाहर हालात बद से बदतर हो है। चारों ओर सड़क के किनारे का एरिया डलावघर में तब्दील हो गया है। डोर-टू-डोर के सफाईकर्मी कूड़ा उठाने के बाद मोहल्ले के बाहर डाल जाते हैं। फिर कचरा को उठाने के लिए नगर निगम के वाहन नहीं पहुंचते हैं। पहुंचते भी हैं तो थोड़ा बहुत कचरा उठाकर निकल जाते हैं, जिससे सड़क पर फैले कचरे को आवारा पशु बिखेर देते हैं। बदबू और गंदगी के बीच निवासियों को दिन गुजरने पड़ रहे हैं।

चोक है नाला

नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता और पार्षद की अनदेखी से नाले पूरी तरह चोक हो गए हैं। बारिश में नाले उफनाते हैं, तो मोहल्लों में जलभराव से लोगों को जूझना पड़ता है। इसमें सिविक सेंस की कमी और जिम्मेदारों की अनदेखी साफ झलकती है। क्योंकि स्थानीय लोग घरों से निकलने वाले कचरे को डस्टबिन में डालने की बजाय सड़क पर फेंक देते हैं, जो नालियों को चोक कर देता है। हालांकि, बाशिंदों का कहना है कि नालों की सफाई ही नहीं होती है, जिसके चलते नाला चोक होता है और फिर गंदा पानी सड़क पर आ जाता है।

गलियों में तबेले

यह इलाका करीब दर्जन भर से ज्यादा तबेलों का दंश सहने को मजबूर है। लोगों ने घर के बाहर रोड और गलियों को तबेलों में तब्दील कर लिया है। घरों में सबमर्सिबल लगाकर वह भूजल का भी मानकों को धता बताते हुए दोहन कर रहे हैं। तबेलों के संचालक गोसेवा की बात कहते हैं। हालांकि, तबेलों की वजह से पब्लिक परेशान है। नालियों में गोबर बहाने पर यदि कोई व्यक्ति डेयरी संचालक को टोक दे तो वह मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं।

खराब पड़े हैं हैंडपंप

यहां आर्थिक रूप से संपन्न लोग तो तमाम तमाम संसाधनों के जरिए शुद्ध पानी पी रहे हैं पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोग पानी के लिए फरियाद लगाने को मजबूर हैं। क्योंकि सप्लाई का पानी अक्सर दूषित ही आता है। ऐसे में शुद्ध पेयजल के लिए हैंडपंप का सहारा है। वह भी सूख गया है। लोगों ने पार्षद समेत कई बार नगर निगम पहुंचकर ज्ञापन दिया है पर अभी तक यहां एक भी हैंडपंप रीबोर नहीं किया जा सका है।

पब्लिक डिमांड

- सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए

- मुख्यमार्गो को डलावघर बनने से रोका जाय

- सड़कें अतिक्रमण और गड्ढामुक्त हों

- चोक पड़े नालों को साफ कराया जाए

- पेयजल के लिए हैंडपंप को रीबोर हो

- जर्जर हो रहे पार्को को संवारा जाए

वॉर्ड बोलता है

पार्षद ने काम तो कई कराए हैं पर वह कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। इलाके में पेयजल और सफाई जैसी मूलभूत समस्याएं हैं। कई सारे निर्माण कार्य हुए पर चंद समस्याएं वार्ड की दशा को खराब किए हुए हैं। यह सुधरें।

सुरेश, बिजनेसमैन

शहर के कई इलाकों की अपेक्षा इस वार्ड के हालात बेहतर हैं। हालांकि, अतिक्रमण और अवैध निर्माण समेत अन्य समस्याएं हैं, जिसके चलते अब यहां भी समस्याओं का अंबार लगने लगा है। साफ सफाई की सर्वाधिक दिक्कत है।

बबलू, बिजनेसमैन

वार्ड में पार्षद ने कई विकास कार्य कराए हैं। चोक नाला और कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या है। हैंडपंप खराब होने से आम आदमी शुद्ध पानी को तरस रहा है। नगर निगम के अधिकारियों से मिले फिर भी समस्या हल नहीं हुई।

वीरेंद्र राठौर, बिजनेसमैन

नालों का चोक होना सबसे बड़ी समस्या है। क्योंकि जिन इलाकों से होकर नाला गुजरता है। वहां दुर्गध से जीना मुहाल है। नगर निगम वाले सफाई के लिए आए थे, पर संकरा होने की वजह से वह बगैर साफ किए ही वापस लौट गए।

राम किशोर, ि1बजनेसमैन

जवाब दाे पार्षद जी

रिपोर्टर - अतिक्रमण हटाने के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं?

पार्षद - नालियों पर बनाए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए कई बार बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव रखा। पर इस मामले पर अब तक कार्रवाई ही नहीं हुई। ज्यादातर नाले सफाई न होने से चोक हो गए हैं। जब अधिकारी ही अनदेखी कर रहे हैं तो पार्षद क्या कर सकता है।

रिपोर्टर - तबेलों को हटाने के लिए क्या किया?

पार्षद - तबेलों को शिफ्ट करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। उनसे शिकायत भी की गई है। पर वह कुछ कर ही नहीं रहे। तबेला संचालक गोबर व अन्य अपशिष्ट को नालों में बहाते हैं, जिसकी वजह से नाला चोक हो रहा है। एरिया में भी लोग बदबू से परेशान हैं।

रिपोर्टर - कूड़ा कचरा निस्तारण के लिए क्या किया आपने?

पार्षद - डोर टू डोर योजना के तहत कूड़ा उठ रहा है। पर सफाईकर्मी कम होने से दिक्कत हो रही है। जो हैं वह कूड़ा मुख्यमार्गो पर रख देते हैं। ऐसे में कूड़े का ढेर लग रहा है। अधिकारियों से शिकायत की पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

रिपोर्टर - इलाके में जलभराव खत्म करने की क्या योजना है?

पार्षद - वार्ड के कई मोहल्लों में जलभराव के जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी हैं। नाले चोक होने की वजह से जल निस्तारण की कोई प्रभावी हल न होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वहीं, लोग भी कूड़ा कचरा नालों में फेंक कर उसे चोक कर रहे हैं।