एक्सक्लुसिव न्यूज

- शहर को वेंडिंग जोन में बांट कर नगर निगम को शासनादेश का कराना है पालन

- 14 वर्ष गुजर चुके लेकिन नहीं बन सका वेंडिंग जोन, धड़ल्ले से डकारा जा रहा टैक्स

BAREILLY:

लाइसेंस जारी करने के लिए शासन की गाइडलाइंस नगर निगम फॉलो करने में फिसड्डी साबित हुआ है। जिसकी वजह से लाखों रुपए के राजस्व की चपत नगर निगम को लग रही है। साथ ही, नगर निगम की सुस्ती की वजह से धड़ल्ले से अवैध व्यापार भी संचालित हो रहे हैं। बता दें कि करीब 14 वर्ष पहले जारी शासनादेश में से चंद व्यवसायों को छोड़कर बाकी एक भी मद में लाइसेंस निर्गत नहीं किए गए हैं। अब शासन ने इन्हें वेंडिंग जोन और नॉन वेंडिंग जोन में बांटकर लाइसेंस देने के निर्देश दिए हैं।

नहीं बन सके वेंडिंग जोन

नगर निगम ने शासनादेश के बाद संबंधित मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके संबंध में वर्ष 2015 में फिर से शासनादेश हुआ। ताकि इन हाउस टैक्स देकर कॉमर्शियल उपयोग करने वाले घरों और दुकानों से कॉमर्शियल टैक्स और ठेले और फुटपाथ पर सामान विक्र य करने वालों को चिह्नित कर उनका रिकॉर्ड मेनटेन कर सकें। हालांकि, इनका लाइसेंस निन:शुल्क जारी करने के आदेश थे। इस आदेश को इम्पलीमेंटेशन में दिक्कतों का हवाला सूबे की निगमों ने दिया था। जिसके बाद वेंडिंग जोन बनाने की जिम्मेदारी डूडा 'जिला नगरीय विकास विभाग' को दे दिया गया।

हजारों अवैध व्यवसाय

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में शासनादेश के अनुसार लाइसेंस जारी न होने की वजह से हजारों की तादाद में हाउसटैक्स अदा कर कॉमर्शियल एक्टिविटी चल रही है। शहर के 80 वार्डो में प्रत्येक में कोचिंग सेंटर, एजेंसी, मैरिज हॉल, कोरियर सर्विस, केबिल टीवी, कैटरर्स, टेंट हाउस, हलवाई समेत अन्य की शॉप रन कर रही है। जो कि नियमानुसार गलत हैं। विगत 14 वर्षो में करीब सैकड़ों की तादाद में कॉमर्शियल एक्टिविटी धड़ल्ले से चलाई जा रही है। अगर इनका लाइसेंस जारी होता तो शहर को अतिक्रमण से मुक्ति तो मिलती ही साथ ही, नगर निगम को भी भारी राजस्व का फायदा होता। दो वर्ष गुजर गए रिमाइंडर आए लेकिन अभी तक वेंडिंग जोन का स्थान तय नहीं हो सका।

इनको देना है लाइसेंस

- मैरिज हॉल

- कोचिंग सेंटर

- कोरियर सर्विस

- केबिल टीवी

- ब्युटी पार्लर

- टाइल्स विक्रय

- चाय विक्रेता

- ठेले पर कपड़ा विक्रय

- कैटरर्स

- शामियाना

- टेंट हाउस

- ऑफसेट प्रिंटिंग

- हलवाई

- ऑयल मिल

- ई-रिक्शा

- लाउडस्पीकर

- शॉप वैरीफिकेशन

- अन्य एजेंसीज

लाइसेंस जारी करने से पहले वेंडिंग जोन बनाए जाने हैं। जिसकी प्रक्रिया डूडा ने शुरू कर दी है। काफी बड़ा क्षेत्र होने से रिकॉर्ड मेनटेन करने में समय लग रहा है। वेंडिंग जोन बनने के बाद कार्रवाई होगी।

ईश शक्ति सिंह, अपर नगर आयुक्त