RANCHI : रातू रोड चौराहा के पास स्थित नगर निगम हॉस्पिटल की दुर्दशा खत्म होती नहीं दिख रही है। पहले तो यह हॉस्पिटल कई सालों तक बंद रहा। जब इसे चालू करने की कोशिशें शुरू हुई, तो कोई इसके साथ करार करने के लिए आगे नहीं आ रहा था। आखिरकार देवकमल हॉस्पिटल ने नगर निगम हॉस्पिटल को चलाने का जिम्मा अपने हाथों में ले तो लिया, पर यहां ट्रीटमेंट के लिए पेशेंट्स नहीं पहुंच रहे हैं। इसे लेकर नगर निगम जहां देवकमल हॉस्पिटल को जिम्मेवार बता रहा है, वहीं देवकमल हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि हॉस्पिटल को बेहतर बनाने में नगर निगम सहयोग नहीं कर रहे हैं।

पेशेंट्स का इंतजार

हॉस्पिटल के सोर्सेज के मुताबिक, यहां के ओपीडी में हर दिन मात्र 8 से 9 पेशेंट्स ही ट्रीटमेंट कराने के लिए आते हैं। देवकमल हॉस्पिटल इस हॉस्पिटल को चला रही है। हॉस्पिटल के खुले पांच महीने होने को हैं, पर ओपीडी में सिर्फ 400 पेशेंट्स ही ट्रीटमेंट के लिए आए। इतना ही नहीं, यहां आनेवाले पेशेंट्स ने सिर्फ डॉक्टर की एडवाइज ली। देवकमल हॉस्पिटल के सीईओ डॉ अनंत सिन्हा ने बताया कि पिछले पांच महीनों में यहां सिर्फ छह पेशेंट्स को ही एडमिट किया गया है।

ओपीडी की फी सौ रुपए

इस हॉस्पिटल में ओपीडी के लिए सौ रुपए फी है, लेकिन इसके बाद भी ट्रीटमेंट के लिए पेशेंट्स यहां नहीं आ रहे हैं। इस बाबत देवकमल हॉस्पिटल के सीईओ डॉ अनंत सिन्हा ने बताया कि यह हॉस्पिटल पिछले कई सालों से बंद था। हमलोगों ने अपने रिस्क पर इसे शुरू किया है। इसे बेहतर बनाने में तो थोड़ा वक्त लगेगा ही। यहां फैसिलिटीज बढ़ेगी तो ट्रीटमेंट कराने के लिए ज्यादा पेशेंट्स आएंगे।

ओपीडी फी पर हुआ था हंगामा

नगर निगम हॉस्पिटल का जिम्मा अपने हाथों में लेने के बाद देवकमल हॉस्पिटल ने ओपीडी की फी दो सौ रुपए तय की थी। इस फी को लेकर नगर निगम में खूब हंगामा हुआ था। पार्षद ओपीडी फी कम रखे जाने पर अड़े हुए थे। आखिरकार देवकमल हॉस्पिटल को ओपीडी फी सौ रुपए करने पर विवश होना पड़ा। इस तरह नगर निगम और देवकमल हॉस्पिटल के बीच शुरू से ही खींचतान चल रही है।

दो साल तक खुलने का इंतजार

बदहाल हो चुके नगर निगम हॉस्पिटल का री-मॉडलिंग राज्यसभा के सदस्य परिमल नाथवानी ने अपने स्तर से कराया। यह हॉस्पिटल 2012 में ही बनकर तैयार हो गया था, पर इसे चलाने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा था। नगर निगम की काफी कोशिशों के बाद देवकमल हॉस्पिटल, इटकी रोड इस हॉस्पिटल को अपने हाथों में लेने को तैयार हुई। इस बाबत नगर निगम और देवकमल हॉस्पिटल के बीच करार हुआ। पिछले पांच महीने से देवकमल हॉस्पिटल इस हॉस्पिटल को चला रही है।