-हाईकोर्ट ने दिया है कैग को आदेश, पकड़ी जाए अनियमितता

-2015 में प्रोजेक्ट के लिए केंद्र ने दिया 20 हजार करोड़ का बजट

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देहरादून

कैग यानि कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ने नामामि गंगे प्रोजेक्ट पर हुए खर्च के ऑडिट की तैयारी पूरी कर ली है। ये काम कैग उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर कर रहा है। हाईकोर्ट ने आशंका जताई थी कि नामामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा की सफाई के लिए मिले फंड में बड़े स्तर पर अनियमितता हो रही है। अदालत के आदेश के बाद कैग पूरी स्कीम, इसके तहत हुए टेंडर्स, वर्क ऑर्डर्स का ऑडिट करेगा। साथ ही ये भी देखेगा कि अब तक कितना काम हुआ और इस पर कितना खर्च होना चाहिए।

दून से दिल्ली भेजी गई सूचना

देहरादून में बैठने वाले कैग के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऑडिट की तैयारी पूरी कर ली गई है। ऑडिट से पहले होने वाले काम निपटा लिए गए हैं और दिल्ली ऑफिस को भी सूचित कर दिया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ख् दिसंबर को कैग को आदेश दिया था कि वो नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत चलने वाली सभी केंद्रीय योजनाओं का ऑडिट करे। ये सभी योजनाएं उत्तराखंड के अलावा यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल में चल रही हैं जहां-जहां से होकर गंगा गुजरती है।

करोड़ों हो चुके हैं खर्च

नामामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत चलने वाली अविरल धारा और निर्मल धारा स्कीम में केंद्र की तरफ से करोड़ों का बजट दिया गया था। केंद्र ने प्रोजेक्ट के लिए ख्0क्भ् में ख्0 हजार करोड़ का बजट दिया। निर्मल धारा स्कीम के तहत गंगा किनारे बसे क्क्8 अर्बन इलाकों में सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर को एक्सपैंड करना है। दूसरी तरफ अविरल धारा स्कीम के तहत गंगा किनारे के ग्रामीण इलाकों में सीवेज सिस्टम बनाना है। इस स्कीम के तहत क्म्फ्ख् पंचायतों को शामिल किया गया था और लक्ष्य रखा गया है कि इनको ख्0ख्ख् तक खुले में शौच से मुक्त बनाना है।

गंगा में कितनी गंदगी

-क्भ्00 मिलियन लीटर सीवर का पानी रोज गिरता है

-भ्00 मिलियन लीटर इंडस्ट्रियल वेस्ट रोज गिरता है

-700 से ज्यादा हाई पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रियिल प्लांट हैं गंगा किनारे

नमामि गंगा प्रोजेक्ट पर एक नजर

-ख्0, 000 करोड़ रुपये ख्0क्भ् में भ् साल के लिए बजट

-क्ख्8 प्रोजेक्ट सितंबर ख्0क्म् में नमामि गंगे के तहत पास

-9, ब्क्9 करोड़ प्रोजेक्ट्स की अनुमानित लागत

-क्, 000 प्रोजेक्ट अलग-अलग स्टेट्स में लाइन अप