-रेलबाजार से चल रहा है यह गोरखधंधा, सेठ नाम का युवक है मास्टर माइंड

-पूरे शहर में खुले हैं काउंटर, अकेले रेलबाजार में सट्टा खिलाने के आठ काउंटर हैं

-एक दरोगा की शह पर चल रहा है गोरखधंधा, सटोरिये किंग का है पार्टनर

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KANPUR : शहर में एक बार फिर लॉटरी का 'जिन्न' बाहर निकल आया है। इस जुएं की लत में लाखों परिवार बर्बाद हो चुके हैं, जिसे देखते हुए करीब दो दशक पहले तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब यह जुर्म की श्रेणी में आता है, लेकिन इंटरनेट की मदद से सटोरियो ने यह गोरखधंधा फिर से शुरू कर दिया है। वे दोबारा लोगों को इस जुएं की लत लगवाकर हर दिन लाखों की काली कमाई कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले तक यह गोरखधंधा चोरी-छुपे हो रहा था, लेकिन जब से सटोरियों पर एक दरोगा की कृपा हुई वे धड़ल्ले से यह गोरखधंधा करने लगे हैं। आई नेक्स्ट के स्टिंग में भी इसकी पुष्टि हो गई है।

अब इंटरनेट पर चलता है सट्टा

सटोरियों ने पुलिस और प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए सट्टे का स्वरूप बदला है, लेकिन यह सट्टा बिल्कुल लॉटरी की तर्ज खेला जाता है। लॉटरी में जिस तरह से 0 से 9 नम्बर पर सट्टा लगाया जाता था। उसी तरह इसमें भी 0 से 9 नम्बर पर सट्टा लगता है। बस अन्तर इतना है कि लॉटरी में प्लेयर को प्रिंट पर्ची मिलती थी और इसमें प्लेयर को हाथ से लिखी पर्ची देने के साथ ही नेट से ड्रा निकाला जाता है। जिस तरह से लॉटरी कई वैरायटी (2, 11, 51 आदि रु.) की होती थी, उसी तरह इसमें भी 12, 55 और 110 रुपए में एक नम्बर पर सट्टा लगा सकते हैं। लॉटरी की तरह इसमें भी प्लेयर अपनी इच्छानुसार एक नम्बर पर कई पर्ची ले सकता है। लॉटरी की तरह लक्की ड्रा निकलने पर एक पर्ची पर प्लेयर को नौ गुना पेमेंट होता है। नंबर के अलावा कई प्रकार के चिन्ह जैसे हाथी, घोड़ा, झाड़ू आदि पर भी सट्टा खेला जाता है।

शहर में जबरदस्त नेटवर्क

वैसे तो इस गोरखधंधे का जाल पूरे शहर में फैल गया है, लेकिन इसकी शुरुआत रेलबाजार से हुई थी। अब रेलबाजार इस गोरखधंधे का सेंटर बन गया है। इस समय पूरे शहर में करीब चालीस काउंटर चल रहे हैं। जिसमें अकेले आठ काउंटर रेलबाजार में चल रहे हैं, जिसमें एक काउंटर तो रेलबाजार पुलिस चौकी के पास कोरियर कम्पनी के बगल में चल रहा है। इसके अलावा डिलाइट टॉकीज के बगल में स्थित हाते, फेथफुलगंज बाजार, सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड स्थित गेट नम्बर 2 के सामने वाली गली और सुजातगंज में काउंटर चल रहा है। वहीं, बर्रा विश्वबैंक, बाबूपुरवा कॉलोनी, चमनगंज समेत अन्य इलाकों में भी नम्बर का खेल चल रहा है।

luk नाम से है कम्पनी

सेठ इस गोरखधंधे का मास्टर माइंड है। वो लुक ((luk) नाम की कम्पनी से नम्बर का यह सट्टा खिला रहा है। वो पहले ठेके में होटल चलाता था, लेकिन अब वो काली कमाई करने के लिए इस गोरखधंधे में उतर गया है। सोर्सेज की माने तो उसने सबसे पहले रेलबाजार पुलिस चौकी के पास से इस काउंटर खोलकर इस गोरखधंधे की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने धीरे-धीरे कर पूरे शहर में नेटवर्क फैला लिया है। वो सिर्फ शाम को काउंटर में हिसाब लेने जाता है। उसने होटल के काम से जुड़े होने के दौरान पुलिस महकमे में तगड़ी पैठ बना ली थी, जिसका फायदा उठाकर वो यह गंदा धंधा कर रहा है।

हर महीने करोड़ों की काली कमाई

सट्टा का यह काला कारोबार करीब छह महीने से शहर में चल रहा है। इस छोटे से अन्तराल में इतने लोग सट्टे के लती हो गए हैं कि सट्टे के एक-एक काउंटर बीस लाख या उससे ज्यादा का हो गया है। सोर्सेज के मुताबिक इस समय शहर में चालीस से ज्यादा काउंटर चल रहे हैं। इस हिसाब से सटोरिये हर महीने आठ से दस करोड़ रुपए की काली कमाई कर रहे हैं। इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों को तो कहना है कि इस धंधे में स्मैक से भी ज्यादा कमाई है।

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आंख बंद किए हैं या पता नहीं

इसे इत्तिफाक कहें या फिर कुछ और कि यह काला कारोबार पिछले छह महीने से शहर में फैलता जा रहा है, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। सोर्सेज की माने तो यह गोरखधंधा बिना पुलिस की सेटिंग से नहीं चल सकता है। इसमें थाने स्तर के पुलिस अफसरों की ही सेटिंग की जरूरत रहती है। इसलिए सटोरिये थाने स्तर के अफसरों से सेटिंग कर यह काला कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं। नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस कर्मी ने इसकी पुष्टि भी की है। उसका तो कहना है कि एक थानेदार तो इस काली कमाई के लालच में सटोरिये किंग के पार्टनर बन गए हैं। हालांकि इस बाबत आला अफसर ने कोई भी जानकारी होने से मना कर दिया है।

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शहर में सट्टे के इस काले कारोबार के बारे में आपके माध्यम से जानकारी मिली है। इसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-शलभ माथुर, एसएसपी।