- दून में औसतन रोज धरे जा रहे नशा तस्कर

- स्मैक और चरस का कारोबार सबसे ज्यादा

- बाहरी प्रदेशों से दून में पहुंच रहा नशा

DERHADUN: दून में नशे का काला कारोबार बेलगाम स्पीड से बढ़ रहा है। पुलिस द्वारा नशा तस्कर भी दबोचे जा रहे हैं, लेकिन नशा कारोबार की जड़ तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है। पिछले एक साल के भीतर दून पुलिस ने करीब 8 करोड़ का नशा बरामद किया है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दून किस कदर नशे की गिरफ्त में है।

स्थिति से आंकड़ों से भी गंभीर

पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 7 करोड़ 82 लाख रुपए कीमत का नशा पिछले एक साल में बरामद हुआ और पुलिस ने कुल नशा तस्करी के 556 मुकदमे दर्ज किए। इन मामलों में 561 आरोपी गिरफ्तार किए गए। लेकिन, सवाल उठता है कि ये तो वे मामले हैं जिनका पुलिस खुलासा कर पाई। ऐसे कई मामले और रहे होंगे जो पुलिस तक नहीं पहुंच पाए होंगे।

सबसे ज्यादा धंधा चरस का

वर्ष 2017 में पुलिस की पकड़ में सबसे ज्यादा मात्रा चरस की आई है। एक वर्ष में 88 किलो चरस पुलिस ने पकड़ी। अधिकांश मामलों में देखने में आया कि प्रदेश के ही पहाड़ी जिलों से चरस लाकर दून में उसकी तस्करी की जा रही थी। पिछले एक वर्ष में 177 आरोपी चरस तस्करी में पुलिस ने दबोचे।

चार करोड़ से ज्यादा की स्मैक

नशे की अंतरराष्ट्रीय कीमतों की बात करें तो दून में सबसे ज्यादा धंधा स्मैक का हुआ। पुलिस ने 4 किलो से ज्यादा चरस पिछले एक साल में पकड़ी, जिसकी कीमत 4 करोड़ 76 लाख रुपए आंकी गई।

यहां से पहुंचता है दून में नशा

हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश (सहारनपुर, बरेली), उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिले।

-----------------

ट्यूजडे को भी धरे दो तस्कर

रांगड़वाला तिराहा पंडितवाड़ी में कैंट कोतवाली पुलिस ने चेकिंग के दौरान ट्यूजडे को भी 510 ग्राम चरस व 15 ग्राम स्मैक के साथ दो नशा तस्कर गिरफ्तार किए हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे बरेली से नशा लाकर दून में बेचते थे। आरोपियों की पहचान दिवेश पुत्र रविंद्र सिंह निवासी घटियान व अभिनव मलिक पुत्र देवेंद्र मलिक निवासी बसेड़ा, मुजफ्फरनगर यूपी के रूप में हुई है।

-------------------

नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, दून में सबसे अधिक नशा बरेली, सहारनपुर, हिमाचल व उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से सप्लाई होता है। नशे के खिलाफ जन जागरण भी किया जा रहा है।

निवेदिता कुकरेती, एसएसपी, देहरादून।