RANCHI: नरेंद्र मोदी खूब बोलते हैं। वादें करते हैं। उनको पूरा करने का भरोसा दिलाते हैं। आठ महीने पहले ख्9 दिसंबर ख्0क्फ् को भी नरेंद्र मोदी रांची आए थे। विजय संकल्प रैली को संबोधित करने। वादा किया था कि अगर प्रधानमंत्री बने तो इन्हें पूरा भी करेंगे। अफसोस, कई वादे अभी वादे ही हैं। चलिए, यहां हम उनके तीन प्रमुख वादों की हकीकत जानते-समझते हैं।

कोयला झारखंड का और बिजली बाहर से?

ख्9 दिसंबर को उन्होंने रांची में कहा था कि झारखंड सबसे अधिक मिनरल्स हैं। कोयला झारखंड में है और यहां बिजली की खरीदारी बाहर से की जा रही है। यह कैसी विडंबना है कि कोयला हमारा लेकिन हम बिजली बाहर से खरीदते हैं। इसके लिए दिल्ली की सरकार जिम्मेवार है जो झारखंड को कुछ भी मदद नहीं कर रही है। अगर दिल्ली की सरकार झारखंड को मदद करे तो झारखंड पावर हब बन सकता है.

क्या हुआ

आज भी बिजली संकट जस का तस है। हालांकि, मोदी सरकार के पहले बजट में झारखंड के मिनरल्स के लिए रॉयल्टी टैक्स में मामूली बढोतरी की बात कही गई है। बेड़ो में पावर प्लांट लग रहा है।

झारखंड में चैकडेम बनाने की जरूरत है

नरेंद्र मोदी ने कहा था कि झारखंड में इतनी अधिक बारिश होती है लेकिन पानी न जाने कहां चला जाता है। गुजरात में भी पानी का प्रॉब्लम था। जब मैने मुख्यमंत्री की शपथ ली तो सबसे पहले पानी रोकने का काम शुरू किया। गुजरात में लाखों चेकडैम बनाए गए हैं। झारखंड में भी अगर चेकडैम बनाकर पानी को रोका जाए तो पानी का प्रॉब्लम नहीं होगा।

क्या हुआ

मोदी जी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दो महीने से उपर हो गए हैं। कहीं भी चेकडैम के लिए कोई स्पेशल प्लान नहीं दिख रहा है। न तो जमीन पर और न कागज पर।

दीपिका, धौनी जैसे कई स्किल्ड लोग हैं

नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में झारखंड के लोगों के स्किल डेवलपमेंट के लिए विशेष काम करने का वादा किया था। तब उन्होंने कहा था कि झारखंड में तीरंदाज दीपिका और क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी जैसे प्लेयर भी हैं। झारखंड में ऐसे बहुत सारे लोग हैं लेकिन इनको मौका नहीं मिल पा रहा है। अगर इनको मौका मिलेगा तो ये बहुत अच्छा कर सकते हैं.

क्या हुआ

भारत सरकार द्वारा स्किल डेवलपमेंट के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है। आज भी लोग पैसे के अबाव में अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने से वंचित रह जाते हैं।