मुझे पद का मोह नहीं

पार्टी के एक सीनियर लीडर व राजस्थान के बीजेपी विधायक प्रह्लाद गुंजल की बदसलूकी और असंयमित भाषा के इस्तेमाल को लेकर जिस तरह से मोदी ने सख्ती दिखाई है, इसके बाद यह माना जा रहा है कि संघ ने सरकार को ऐसे नेताओं और हिंदू संगठनों से सख्ती करने का ग्रीन सिग्नल दे दिया. इससे पहले बीजेपी और संघ नेताओं के बीच इस तरह के बयानों को लेकर बातचीत भी हुई लेकिन नेताओं की विवादित बयान बाजी नहीं थमी. संघ सदस्यों के मुताबिक ऐसे में मोदी इन दिनों काफी आहत हैं. उन्होंने कहा है कि अगर बेतुकी बयानबाजी न बंद हुई तो वह पीएम पद छोड़ देंगे. मोदी ने साफ कहा कि उन्हें पद का मोह नहीं है. उनका पहला लक्ष्य जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना है.

यूपी मिशन हो सकता फेल

संघ के सूत्रों का कहना है कि संघ के सीनियर नेताओं की तरफ से भी उसकी विभिन्न शाखाओं के प्रमुखों को संदेश दिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने संघ नेताओं से कहा कि जनता ने उन्हें पूर्ण एक सुरक्षित शासन, विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए चुना है. इसलिए हमारी प्राथमिकता है कि सबसे पहले देश की अर्थव्यवस्था को सुधारना. राम मंदिर और दूसरे मुद्दे बाद में आते हैं. नेताओं की गलत बयान बाजी से सरकार की कट्टर छवि बनने का खतरा है. अगर इसी तरह से विवाद चले तो 2017 का यूपी का मिशन फेल हो सकता है. इससे संघ की योजना को भी धक्का लगेगा. बीजेपी के एक नेता के मुताबिक मोदी की नाराजगी के बाद ही घर वापसी जैसे कार्यक्रमों को टाला गया है.

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