- रूपसपुर पुल के नीचे हुई वारदात, बिजनेसमैन धनंजय अस्पताल में एडमिट

- सिपाही अभिषेक आनंद उपाध्याय बोचहां के एक बिजनेमसैन का है बॉडीगार्ड

- अनुकंपा पर मिली थी नौकरी, दिसम्बर में ही इश्यू हुआ था नाइन एमएम का पिस्टल, ठीक से ट्रेनिंग भी नहीं हुई

PATNA : नशे में धुत सिपाही ने एक बार फिर पुलिस डिपार्टमेंट की किरकिरी करवा दी। उसने अपने सर्विस पिस्टल से रूपसपुर के एक बिजनेमैन को गोली मारकर जख्मी कर दिया। अभिषेक आनंद उपाध्याय नाम का यह सिपाही बिजनेसमैन धनंजय कुमार सिंह (ब्म्) से पीने के लिए गांजा मांग रहा था। लोगों ने कहा कि यहां गांजा नहीं मिलता है, तो वह गुस्सा होकर बवाल करने लगा। इसी दौरान उसने अपने नाइन एमएम के सर्विस पिस्टल से गोली चला दी। वहीं पास ही धूप में कुर्सी पर बैठे धनंजय के बाएं पैर के घुटने के नीचे गोली लग गई। गोली चलते ही वहां अफरातरफरी मच गई। वह इतने नशे में था कि किसी की बात सुनने को तैयार नहीं था। इस घटना के बाद लोगों ने उसे पकड़कर धुनाई कर दी और पिस्टल भी छीन ली। इससे पहले उसके पिस्टल की मैगजीन भी हाथ से गिर गई थी बाद में उसने दोबारा उसे पिस्टल में लोड कर गोली चलाई थी। नशे में धुत अभिषेक रूपसपुर गांव का ही रहने वाला है और अभी मुजफ्फरपुर में बोचहां के बिजनेसमैन दिलीप चौधरी का बॉडीगार्ड है। धनंजय पाटलिपुत्रा स्टेशन के पास ही पिछले दस सालों से कुट्टी मशीन चलाते हैं। उन्हें नजदीक के ही प्राइवेट नर्सिग होम में एडमिट करवाया गया है।

दिसम्बर में ही मिला पिस्टल

अभिषेक आनंद को सिपाही की नौकरी अनुकंपा पर मिली है। उसके पिता की मौत होने पर काफी मशक्कत के बाद उसे यह नौकरी मिली। पिता मुजफ्फरपुर जिला में ही पोस्टेड थे और 80 बैच के सब इंस्पेक्टर थे। रूपसपुर में ही उन्होंने अपना घर बनवाया था। आभिषेक का बचपन रूपसपुर में ही बीता है। हालांकि वह पहले से ही नशेड़ी है और उसकी मां उसे लेकर काफी परेशान रहती है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अभिषेक को दिसम्बर महीने में ही पिस्टल मिला था। उसने ठीक से पिस्टल चलाना भी नहीं सिखा है। उसकी ट्रेनिंग भी ठीक से नहीं हो सकी है। एक पुलिस कर्मी का साफ कहना था कि यह तो इतना बड़ा नशेड़ी है कि पुलिस की नौकरी के लिए फिट ही नहीं।

लापता हैं तीन गोलियां

अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे नाइन एमएम पिस्टल के साथ फ्भ् गोलियां इश्यू की गई थीं। पुलिस को घटनास्थल से एक खोखा मिला है, जबकि पास से फ्क् गोलियां बरामद की गई हैं। ऐसे में गोलियों की कुल संख्या फ्ख् होती है। थानाध्यक्ष रूपसपुर ने बताया कि तीन गोलियां नहीं मिली हैं। वह होश में नहीं था और कुछ बोल नहीं पा रहा था। ऐसे में इस संबंध में अधिक पूछताछ नहीं हो सकी है। थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि वह पिस्टल ही दिखाने में लगा था, नशे में था और इसी कारण उसे ही खोलने और बंद करने में गोली चली है। दूसरी ओर पुलिस ने मुजफ्फरपुर पुलिस से भी संपर्क किया है और उसपर कार्रवाई की जाएगी। सीनियर एसपी जितेन्द्र राणा ने बताया कि इस संबंध में एसएसपी मुजफ्फरपुर से बात कर पूरी जानकारी दे दी गई है वे उसपर कार्रवाई करेंगे।

गोली चलाने के बाद भी होश नहीं

अभिषेक ने गोली तो चला दी मगर उसके बाद भी उसका गांजे का नशा नहीं टूटा। लोगों ने जब शोर मचाया कि गोली मार दी तो वह कहने लगा कि मैंने गोली उसे नहीं जमीन को मारी है। यही नहीं थाने में बात करने वालों को भी हिदायत और धमकी देता रहा कि मेरा माथा मत चाटो। लोकल लोगों की मानें तो वह पहले भी लोगों की सिगरेट छीन लेता था। कभी कभी तो उसे बेच भी देता था। मिली जानकारी के मुताबिक वह तीन दिन से दिलीप चौधरी के साथ आया था। दो दिन पहले ही वह उनका बॉडीगार्ड बना था। बुधवार की शाम ही उसे लौट जाना था। इससे पहले ही यह हादसा हो गया।