ऐसी है जानकारी

यहां बताना जरूरी होगा कि नाथू सिंह के पिता राजस्थान की एक फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। वह नाथू के पिता ही थे, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को समझकर उन्हें क्रिकेट अकेडमी में भेजा था। यहां दिक्कत ये थी कि क्रिकेट अकेडमी की फीस भरना उनके पिता के लिए काफी मुश्किल था। किसी तरह से पैसों का जुगाड़ करके उन्होंने नाथू को अकेडमी भेजा।

अकेडमी ने खुद ले ली जिम्मेदारी

अब अकेडमी में एडमिशन लेने के बाद नाथू ने कड़ी मेहनत की। उनकी मेहनत को देखते हुए बहुत कम समय में वह अकेडमी के चहेते खिलाड़ी बन गए। इसके बावजूद नाथू की आगे की फीस देने में उनके पिता को काफी मुश्िकल हो रही थी। उनके हालात को देखते हुए अकेडमी ने ही नाथू सिंह की फीस को अपने खर्चे में शामिल कर लिया। यहां राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर सरीखे स्टार प्लेयर नाथू की प्रतिभा का लोहा मानने लगे।

ये है खासियत

क्रिकेट खेलने के दौरान नाथू सिंह की खासियत है उनकी गेंदबाजी। वह 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं। अक्टूबर 2015 में साउथ अफ्रीकी टीम के खिलाफ बोर्ड प्रेसिडेंट एकादश टीम की ओर से वह प्रैक्टिस मैच भी खेल चुके हैं। यहां और भी बड़ी खास बात ये है कि अफ्रीका के खिलाफ इस टीम में सिर्फ 3 फर्स्ट क्लास मैच खेलने वालों में चुने जाने वालों में नाथू सिंह का भी नाम शामिल हुआ। नाथू की प्रतिभा के दीवाने हुए खिलाड़ियों में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई फास्ट बॉलर ग्लेन मैक्ग्राथ का भी नाम शामिल हैं। उनको नाथू की गेंदाबाजी बहुत पसंद है।

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