BAREILLY: 50 हजार रुपये से अधिक के अंतर प्रांतीय माल की आवाजाही के लिए पहली अप्रैल से नेशनल ई-वे बिल व्यवस्था दोबारा से शुरू होने जा रही है। यह व्यवस्था रेलवे से आ रहे माल पर भी लागू होगी। पिछली बार फरवरी में पोर्टल नहीं चलने के कारण व्यवस्था फ्लॉप हो गई थी।

 

भरनी होगी पूरी डिटेल

प्रारम्भिक चरण में यह व्यवस्था केवल एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश के लिए माल की आवाजाही पर ही लागू होगी। प्रदेश के भीतर आवाजाही के लिए ई-वे बिल बाद में लागू होगा। एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन एके गुप्ता ने बताया कि 50 हजार से अधिक के माल की ढुलाई के समय ई -वे बिल को पोर्टल से अपलोड करना होगा। जीएसटीएन पोर्टल पर जाकर ई-वे बिल पर क्लिक करना होगा। रजिस्ट्रेशन करना होगा। उसके बाद फर्म का नाम, वाहन संख्या, माल और वैल्यू डालना होगा।

 

इनको मिलेगी छूट

ई-वे बिल से हाउस होल्ड, एलपीजी, पीजीएस केरोसिन, पोस्टल बैगेज, मूल्यवान स्टोन, ज्वैलरी, सोना-चांदी, बर्तन, करेंसी, व्यक्तिगत हाउस होल्ड गुड्स और कोराल्ड परिवहन को मुक्त रखा गया है। जीएसटी के सही तरह से लागू नहीं होने के कारण व्यापारियों ने अभी भी ई-वे बिल लागू नहीं करने की मांग की है। बरेली शहर जीएसटी में करीब 30 हजार व्यापारी रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 5 हजार व्यापारी ई-वे बिल के तहत अभी तक रजिस्टर्ड हैं, जो कि प्रांत के बाहर से माल मंगाने का काम करते हैं।

 

बनाया गया कंट्रोल रूम

नेशनल ई-वे बिल व्यवस्था के लिए कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। किसी भी समस्या पर 7235002108, 7235002142, 7235002143, 7235002147 पर कॉल कर सकते हैं।

 

एक अप्रैल से नेशनल ई-वे बिल लागू किया जा रहा था। प्रदेश में यह पहले से लागू था। यदि कोई व्यापारी प्रांत के बाहर से 50 हजार से अधिक का माल मंगाता हैं, तो उसके बाद ई-वे बिल होना जरूरी है।

दीनानाथ, ज्वॉइंट कमिश्नर, कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट