जहाज में भर गया पानी
खबरों के मुताबिक, जहाज अपने रूटीन ट्रेनिंग मिशन से लौट रहा था, इस दौरान अचानक उसमें पानी भर गया जिसकी वजह से वह हादसे का शिकार हुआ. हालांकि लापता नौसैनिकों की खोज के लिये नौसेना के जहाज, एयरक्राफ्ट और 4 हेलिकॉप्टर मिशन में लगे हुये हैं. वहीं घटना की जानकारी मिलते ही सेशेल्स दौरे पर गये नेवी चीफ वापस लौटकर आ रहे हैं. नौसेना ने बताया कि जहाज एक रेगुलर प्रैक्टिस के दौरान बेड़े के जहाजों से दागे गये टॉरपीडो इकठ्ठे करने के नियमित मिशन पर था, तभी अचानक इसके इस कंपार्टमेंट में पानी भरने का पता चला. फिलहाल दिल्ली में नौसेना ने बयान जारी करते हुआ कहा कि बचाव अभियान के दौरान चालक दल के एक सदस्य की मौत हो गई और 4 जवान लापता हैं.

1983 में बना था यह जहाज
विशाखापट्टनम में नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि घटना विशाखापट्टनम पोस्ट से 10-15 किमी के दायरे में घटी है. टॉरपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी) एक सहायक जहाज होता है, जिसका इस्तेमाल बेड़े के जहाजों और पनडुब्बियों से अभ्यास के दौरान दागे गये टॉरपीडो को एकत्रित करने के लिये किया जाता है. आपको बताते चलें कि 23 मीटर लंबे इस जहाज का निर्माण 1983 में गोवा शिपयार्ड द्वारा तैयार किया गया था और इसने पिछले 31 साल तक इंडियन नेवी की सेवा की है. फिलहाल नौसना में यह कोई पहला हादसा नहीं है, इससे पहले भी कई जहाज हादसे के शिकार हो चुके हैं. पिछले कुछ महीनों में नौसना को ऐसे कई हादसों का सामना करना पड़ा है. गौरतलब है कि इन हादसों की वजह से ही एडमिरल डीके जोशी को इस्तीफा देना पड़ा था.

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