घर घर विराजी आदिशक्ती, मंदिरों में सुबह से उमड़ा मां के भक्तों का रेला

ALLAHABAD: बुधवार की सुबह लोगों के लिये अलग रही। कोई भी गली और मोहल्ला ऐसा नहीं रहा। जहां देवी गीत न सुनाई दे रहे हों। देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का जुटना शुरू हो गया। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।

जय माता दी कहते जाओ

मां भगवती की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इस बार द्वितीया तिथि की हानि की वजह से आठ दिनों का ही है। ऐसे में पहले दिन प्रतिपदा और द्वितीया एक होने से मां भगवती के शैलपुत्री और ब्रह्माचारिणी स्वरूप का श्रृंगार देवी धामों में किया गया। उनके दर्शन के लिये भक्तों की भारी भीड़ जय माता दीजय माता दी का गगनचुंबी उद्घोष करते हुये मंदिरों में दाखिल हुई। मीरापुर स्थित कल्याणी देवी और ललिता देवी मंदिर में मंगलाआरती के बाद सुबह पांच बजे ही कपाट खोल दिया गया।

दस भुजाओं के साथ मां चन्द्रघंटा देंगी दर्शन

महाशक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर के महामंत्री पं। श्याम जी पाठक ने बताया कि पहले दिन मां का अभिषेक, शतचंडी पाठ, अनुष्ठान, कलश स्थापना आदि कार्यक्रम चलता रहा। उन्होंने कहा कि सिंह पर सवार मां चार भुजाधारण किये आर्शीवाद की मुद्रा में मध्यरात्रि तक अपने भक्तों को दर्शन देती रहीं। गुरूवार को मां चन्द्रघंटा स्वरूप में दस भुजा धारणकर अस्त्र शस्त्रों से सुशोभित होकर भक्तों को दर्शन देंगी। इस दौरान सूक्त व लक्ष्मी सुक्त का पाठ व गौ घृत से आहुती के अतिरिक्त महाआरती शाम सात बजे से होगी।

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में सूर्योदय से पहले घर घर में कलश स्थापना हुई। ज्योतिषाचार्य पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि उदया तिथि की वजह से सुबह 06 बजकर 32 मिनट से पहले घरों में कलश स्थापना की गई। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में पूर्वान्ह से लेकर दोपहर के बीच भी कलश स्थापना किया गया। घर-घर विराजी मां के मंदिरों में लोगों ने रोशनी की आकर्षक सजावट की। शक्तिपीठ अलोपशंकरी व ललिता देवी मंदिर, मां कल्याणी देवी, मां खेमामाई मंदिर, अष्टभुजी मंदिर व अलोपीबाग स्थित दुर्गा मंदिर आदि जगहें झॉलरों की रंगबिरंगी रोशनी से सजे नजर आये। नामामि गंगे समिति के स्वयंसेवकों ने संयोजक पं। राजेश शर्मा के नेतृत्व में मां ललिता देवी मंदिर प्रांगण के आसपास सफाई अभियान चलाया।