यहां कन्याओं के जन्म पर मनाई जाती खुशियां

देश के कुछ हिस्सों में जहां लोग बेटियों को बोझ समझ उनकी संख्या को कम कर रहे हैं। वहीं कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां लोग बेटियों को अपनी शान मानते हैं। उनके पैदा होने पर जश्न मनाते हैं। बेटियों को बेटों के बराबर मानकर उनका अच्छे से ख्याल रखते हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का समर्थन भी करते हैं। शायद तभी इन जिलों में बेटियों का अनुपात बेटों से तुलना में काफी अच्छा है। यह हम नहीं बल्िक साल 2011 की जनगणना के आंकड़ें कह रहे हैं। चाइल्ड सेक्स रेशियो की रिपोर्ट में इन जिलों में 1000 लड़कों पर लड़कियों का एक बेहतर अनुपात देखने को मिला है।

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इन जिलों में एक बेहतर अनुपात देखने को मिला

वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में 1000 लड़कों पर 1013 लड़कियां हैं। इसी तरह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में 1005 लड़कियां हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के दक्षिण दंतेवाड़ा में 1005, असम के कामरूप मेट्रोपोलिटन जिले में 994, छत्तीसगढ़ के बस्तर में 991, ओडिशा के नबरंगपुर में 988, मिजोरम के कोलासिब जिले में 1000 लड़कों पर 987 लड़कियां हैं। वहीं बिहार के नवादा जिले में 985, अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग में 984 और मिजोरम के ऐजावल में भी 1000 लड़कों पर 984 लड़कियों का ग्राफ है।

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