भारत के समंदर में होगा 50 देशों के जंगी जहाजों का मुकाबला

भारत की नौसेना शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए तैयार किए गए इस कार्यक्रम में सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त एहतियात बरती जा रही है। इसकी वजह पिछले महीने पठानकोट एयरबेस हमलों को बताया जा रहा है। हमलों में सात जवान शहीद हो गए थे। विदेशी नौसेना प्रमुख की मौजूदगी में जरूरी है कि भारत अपने इस शक्ति प्रदर्शन से सभी को प्रभावित कर सके। नेवी द्वारा दूर दूर से न्यौते दे बुलाए गए अंतरराष्ट्रीय जहाज़ों की सुरक्षा की देखरेख की जिम्मेदारी भी इंडियन नेवी सफलतापूर्वक संभाल पाए।

पीएम मोदी भी कार्यक्रम में लेगें हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रविवार को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे। नौसेना के सूत्रों की मानें तो इस समारोह के दौरान छोटी और तेज़ गति से आने वाली नावों से आतंकी हमला होने का खतरा मंडरा रहा है। पश्चिमी नेवल कमांड के कमांडर इन चीफ एडमायरल सुनील लानबा कहते हैं इस तरह के कार्यक्रम में जहां जहाज़ एक जगह खड़े रहते हैं। ऐसे में कुछ लोगों का झुंड में आना और खड़ी हुए जहाज़ पर विस्फोट या हमला करना सबसे बड़ा खतरा बन जाता है।

50 देश 100 जहाज 24 जंगी जहाज लेंगे हिस्सा

आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए नौसेना ने रक्षा के लिए पनडुब्बी समेत मशीन गन से लैस तेज़ गति वाली अवरोधक नाव को काम पर लगा रखा है। इस सम्मेलन में 50 देश के 100 जहाज़ 24 विदेशी जंगी जहाज़ और 4000 नौसैनिक इकट्ठा होंगे। जहां एक तरफ हिंद महासागर में बीजिंग अपनी पैठ बढ़ाता दिख रहा है वहीं भारत में दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का आयोजन हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू का आयोजन देश के नौसेना नेतृत्व को और मजबूती से पेश करने के इरादे से किया गया है।

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