--पुलिस मुख्यालय ने जारी अलर्ट में बताया, जेल से निकलने वाले शीर्ष नक्सलियों की फिर से सक्रिय होने की सूचना

--विशेष शाखा की रिपोर्ट पर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को भेजा पत्र, रखें निगरानी, करें कार्रवाई

रांची : जेल से निकलने वाले शीर्ष नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। ये नक्सलियों के थिंक टैंक के रूप में पहचान बना चुके पोलित ब्यूरो सदस्य, सेंट्रल कमेटी सदस्य स्तर के हैं, जो साक्ष्य के अभाव में जेल से बाहर आ चुके हैं। इनके बारे में सूचना है कि ये एक बार फिर से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हो गए हैं और शीर्ष नक्सली नेताओं के संपर्क में भी हैं। विशेष शाखा ने ऐसे पांच नक्सलियों का ब्योरा पुलिस मुख्यालय को दिया है। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को अलर्ट जारी किया है। जारी अलर्ट में कहा गया है कि सभी एसपी अपने-अपने जिले में ऐसे शीर्ष नक्सलियों पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई भी करें।

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इन नक्सलियों के बारे में पुलिस को है यह सूचना

- शीला मरांडी उर्फ शोभा मरांडी उर्फ शीला दी उर्फ शांति देवी उर्फ शोभा उर्फ बुधनी उर्फ गुडि़या : सेंट्रल कमेटी सदस्य कृष्णा दा उर्फ किशन दा उर्फ प्रशांत घोष उर्फ ब्रजेश की पत्नी है। गिरिडीह के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के झरहा की रहने वाली है। ओडिशा से 2016 में जमानत पर बाहर आकर फिर उग्रवादी संगठन के संपर्क में है।

- प्रमोद मिश्रा उर्फ मदन जी उर्फ जगन जी उर्फ वन बिहारी जी उर्फ बीवी जी उर्फ जनार्धन : यह पोलित ब्यूरो सदस्य है। बिहार के औरंगाबाद जिले के कसमा थाने का मूल निवासी है। अगस्त 2017 से जमानत पर मुक्त होने के बाद फिर उग्रवादी संगठन में सक्रिय होने की सूचना है।

- बच्चा प्रसाद सिंह उर्फ बलराज उर्फ अरविंद उर्फ कमल : पोलित ब्यूरो सदस्य है। बिहार के छपरा जिले के एकमा थाना क्षेत्र के तिलकार का रहने वाला है। न्यायिक हिरासत से 31 मई 2016 को जमानत पर मुक्त हुआ है। वर्तमान में यह बिहार के पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया के अर्जुन प्रसाद सिंह और समिति ऑफ सीपीआइ माओवादी दिल्ली सिटी के पूर्व सचिव गोपाल मिश्रा के संपर्क में है। किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना है।

- पुरनेंदू शेखर मुर्खी उर्फ अंबर उर्फ गगन उर्फ अंटू : सेंट्रल कमेटी सदस्य है। पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के साठ वंशदोनी का रहने वाला है। जमानत पर जेल से निकलने के बाद वर्तमान में कुख्यात प्रशांत दा उर्फ किशन दा के संपर्क में है।

- अकलांता रंभा : सेंट्रल कमेटी सदस्य है। न्यायिक हिरासत से सेंट्रल जेल गुवाहाटी से 17 दिसंबर 2016 से जमानत पर बाहर आया है। वर्तमान में वह चाय की दुकान चला रहा है। सूचना है कि वह शीर्ष माओवादियों के संपर्क में है। नक्सलियों से जुड़कर किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है।