- अगले सत्र से सूबे के स्कूलों में लागू होनी हैं एनसीईआरटी की किताबें

- शिक्षा मंत्री ने जुलाई में जारी किए थे निर्देश

- अभी तक सिलेबस भी नहीं हुआ अप्रूव

DEHRADUN: सूबे के सभी स्कूलों में अगले सत्र से सरकार ने एनसीईआरटी की किताबें लागू करने की घोषणा तो कर दी लेकिन अगले सत्र तक किताबें मुहैया कराना ही शिक्षा विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है। दरअसल एनसीईआरटी के प्रस्तावित सिलेबस को अभी तक सीएम द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है बताया जा रहा है कि फाइल अभी पेंडिंग है।

फाइल का अप्रूवल लटका

जुलाई में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सभी स्कूलों में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू करने के निर्देश जारी किए थे। शिक्षा विभाग द्वारा सिलेबस तैयार कर अप्रूवल के लिए सीएम के पास भेजा गया था, लेकिन अभी तक सिलेबस को अभी तक अप्रूवल नहीं मिल पाया है। सिलेबस कब अप्रूव किया जाएगा, कब किताबें छापने के लिए टेंडर होंगे और कब इन्हें स्कूलों तक पहुंचाया जाएगा, इसे लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।

अब तक शुरू नहीं प्रक्रिया

अभी तक प्रदेश में एससीईआरटी किताबें छपवाने का काम करती थी। जिसके लिए प्रक्रिया नवंबर से शुरू हो जाती थी। इसके बाद फरवरी मार्च तक किताबें डिस्ट्रीब्यूट कर दी जाती थीं। लेकिन, इस साल शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी की किताबें छपवाने के निर्देश दिए हैं। जिससे अब एससीईआरटी ने किताबें छापनी बंद कर दी हैं। मामला सीएम ऑफिस में लटका पड़ा है। जिसके पास होने के बाद टेडरिंग प्रक्रिया भी होगी। जिसमें क् माह से ऊपर का समय लगेगा। इसके बाद किताबों को छपवाने में भी समय लगेगा। फिर जिलों के माध्यम से स्कूलों को किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। जो ब् माह में किसी भी सूरत में संभव नहीं लगता। सूत्रों का दावा है कि विभाग को करोड़ों की संख्या में किताबें छपवानी हैं। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी सीएम कार्यालय से जल्द ही सहमति मिलने की बात कह रहे हैं। साथ ही अप्रैल तक किताबें भी उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं।

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सीएम कार्यालय से फाइल पर मुहर लगते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अप्रैल तक किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी।

- आलोक शेखर तिवारी, डीजी एजुकेशन