हर के कई छात्रों को मिली सफलता, रोहित गुप्ता की रैकिंग सबसे ऊपर

ALLAHABAD: डॉक्टर बनने का सपना लेकर इलाहाबाद में नीट की तैयारी करने वाले तमाम छात्रों को सफलता मिली है। देर रात तक ओबीसी कैटेगिरी में 509वीं रैंक हासिल करने वाले रोहित यादव को डिस्ट्रिक्ट टॉपर माना जा रहा था। इससे अधिक रैंक जिले में किसी को मिलने की सूचना नहीं है। नीट रिजल्ट की बेताबी से प्रतीक्षा कर रहे छात्रों रिजल्ट आने के बाद सफलता मिलने पर खुशी से झूम उठे। उन्होंने कलीग्स और फैमिली मेम्बर्स के साथ इसे सेलीब्रेट भी किया।

सूबेदार का बेटा बनेगा डॉक्टर मां के साथ है

सरहद की रक्षा में तैनात आर्मी के सूबेदार धनराज सिंह का बेटा रोहित यादव डॉक्टर बनेगा। इलाहाबाद का टॉपर बताए जा रहे रोहित की आल इंडिया रैंक 2113 और ओबीसी रैंक 509 है। उनके पिता वर्तमान में कश्मीर में तैनात हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बातचीत में रोहित ने कहा कि सफलता में पिता और मां पुष्पा यादव का बेहद इंपार्टेट रोल है। रोहित ने इंटरमीडिएट पिछले साल ही पास किया है और नीट में यह उनका दूसरा अटेम्प्ट था। नीट क्लीयर करने की की स्ट्रेटजी पूछने पर उन्होंने कहा कि हर दिन लक्ष्य तय करता था। चैप्टर वाइज यह टारगेट तय होता था। इसके बाद टारगेट एचीव करना ही एकमात्र लक्ष्य होता था। इसके लिए कई बार दस घंटे भी लगते थे और कई बार 12 घंटे तक पढ़ाई करनी पड़ती थी। पिछले एक साल के दौरान किसी भी एक दिन पढ़ाई मिस नहीं हुई। इसी ने सफलता का रास्ता दिखाया। रोहित ने बताया कि उनके बड़े भाई हिमांशू यादव आर्मी में कैप्टन हैं। उन्होंने मेडिकल फील्ड में कॅरियर बनाने के लिए प्रेरित किया। उसके बाद से ही उन्होंने एमबीबीएस करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करते रहे। एमबीबीएस के बाद कॅरियर को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका सपना एमबीबीएस पूरा करने का है। उसके बाद के फ्यूचर के लिए अभी से कुछ डिसाइड नहीं किया।

गांव के पहले डॉक्टर बनेंगे अवधेश

अल्लापुर में किराए पर कमरा लेकर तैयारी करने वाले अवधेश कुमार ने नीट 2017 में ओबीसी कैटेगिरी में 1036 रैंक हासिल की है। मूलरूप से मिर्जापुर के रहने वाले अवधेश ने बताया कि उनके पिता हरिशंकर निषाद पेशे से किसान है। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस के लिए उनके पिता ने ही प्रेरित किया। अवधेश ने बताया कि अपने गांव के वह पहले स्टूडेंट हैं, जिसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता मिली। बड़े भाइयों के साथ अल्लापुर में रह कर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले अवधेश ने बताया कि पिता का सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बने। अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे थे और आखिर में उन्हें सफलता हासिल हुई। परीक्षा की तैयारी के दौरान वह नियमित रूप से छह से आठ घंटे तक पढ़ाई करते थे। जिससे उनका कांसेप्ट पूरी तरह से क्लीयर रहे।