-खबर छपने के बाद आई नेक्स्ट ऑफिस पहुंचे नीतू के पिता

-जहां-जहां बेटी की गुमशुदगी की कंप्लेन की थी वो डॉक्यूमेंट्स दिखाया

-सोमवार को हावड़ा जाते समय नीतू ट्रेन से उतर गई

-उल्बेरिया रेलवे स्टेशन के पास मिली नीतू, लोगों ने हॉस्पिटल पहुंचाया, सिर पर लगी है चोट

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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : आई नेक्स्ट में मंगलवार को नीतू कुमारी के बारे में खबर छपने के बाद सुबह से ही नीतू के पापा, भाई-बहन, रिलेटिव्स और काफी संख्या में दूसरे लोगों के कॉल आने लगे। नीतू के पापा आई नेक्स्ट की कॉपी साथ लेकर हमारे ऑफिस भी पहुंचे खबर छापने के लिए धन्यवाद दिया। उधर, सोमवार को नीतू के साथ घटी एक और घटना ने उनकी खुशी को कम कर रखा था। जब पिता बेटी से मिलने बेचैन थे, उसे घर ले जाने को आतुर थे तब नीतू का पता नहीं था। जी हां, सोमवार को कुछ ऐसा हुआ जिसने एक बेचैन पिता को बेटी के मिलने के फासले को थोड़ा और बढ़ा दिया।

ऐसा हुआ जब नीतू को वापस हावड़ा ले जाया जा रहा था

सोमवार को घर का पता नहीं चलने के बाद मरियम किनारा मेंटल होम की टीम नीतू को हावड़ा ले जा रही थी। टीम मेंबर्स ने बताया कि उल्बेरिया स्टेशन के पास ट्रेन के स्लो होते ही नीतू ट्रेन से नीचे उतर गई। मरियम किनार की टीम मेंबर्स ने कहा कि ट्रेन की स्पीड बढ़ जाने की वजह से वे नीतू के पीछे नहीं जा पाई। कोलकाता में टीसीएस में जॉब करने वाले नीतू के भाई मुकेश को भी पता चला तो उन्होंने आई नेक्स्ट से संपर्क कर हावड़ा स्थित संस्थान का पता लेकर वे भी वहां पहुंचे और बहन को खोजने में लग गए।

सिर पर चोट थी, बेहोश मिली नीतू

नीतू के भाई और हावड़ा स्थित संस्थान की टीम नीतू को खोजने में लग गए। शाम में करीब 4:30 बजे उन्हें पता चला कि नीतू उल्बेरिया के एक हॉस्पिटल में एडमिट है। वहां जाने पर बताया गया कि मंगलवार की सुबह किसी ने नीतू को हॉस्पिटल पहुंचाया। उसके सिर पर गहरी चोट थी और वह बेहोश थी। वहां डॉक्टर्स द्वारा असमर्थता जताए जाने के बाद नीतू का भाई एंबुलेंस से नीतू को दूसरे डिस्पेंसरी में ट्रीटमेंट के लिए ले गया। रात आठ बजे तक नीतू को होश नहीं आया था।

एएसआई के खिलाफ होगी कार्रवाई

कई घंटे तक नीतू के साथ रहने और को-ऑपरेटिव कॉलेज जाने के बाद भी सीतारामडेरा थाना के एएसआई द्वारा बड़े अधिकारियों को खबर नहीं किए जाने और दूसरे लोकल थाने से संपर्क नहीं किए जाने को लेकर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। आई नेक्स्ट से बातचीत में एसएसपी आमोल वी होमकर ने कहा कि उन्होंने बर्मामाइन्स और सीतारामडेरा थाने से पूरी रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी ने खुद भी नीतू की स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस तरह की गैर जिम्मेवारी वाली हरकत के बाद एक्शन लिया जाना तय है।

हावड़ा से आई टीम पर भी उठे सवाल?

उल्बेरिया स्टेशन पर नीतू के ट्रेन से उतर जाने की घटना के बाद आई नेक्स्ट ने हावड़ा स्थित मरियम किनारा होम चलाने वाली संस्था यूनाइटेड ब्रदर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ मो। कमरुद्दीन से बात की। उन्होंने कहा कि नीतू के ट्रेन से उतर जाने के बाद टीम की महिला स्टाफ इसलिए नीतू के पीछे नहीं उतर पाईं, क्योंकि वे साड़ी पहनी थीं। आई नेक्स्ट के पास सोमवार को हावड़ा की टीम मेंबर्स का क्लिक किया फोटो था, जिसमें दोनों ही महिला स्टाफ सलवार-सूट में थीं। जब फिर से आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने डॉ कमरूद्दीन से बात की और उनसे साड़ी और सलवार-सूट के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि उन्होंने वैसे ही वह बात कह दी थी। एक बड़ा सवाल जरूर है कि क्या नीतू को साथ वापस ले जा रही टीम एक जवान लड़की के प्रति जिम्मेवार थी?

दर-दर भटक रहे पिता की कोई नहीं था सुनने वाला

मंगलवार को आई नेक्स्ट की कॉपी हाथ में लिए नीतू के पिता आरएन सिंह जब हमारे ऑफिस पहुंचे तो उनके पास वे सारे डॉक्यूमेंट्स थे, जो नीतू की गुमशुदगी की रिपोर्ट के अलावा उस मामले में हुए पत्राचारों से रिलेटेड थे। उनका कहना था कि थाने से लेकर, एसपी, एसएसपी ऑफिस, रेल एसपी, जीआरपी और सीएम ऑफिस तक उन्होंने बेटी का पता करने के लिए दौड़ लगाई। उन्होंने उन लेटर्स को भी दिखाया जो गृह विभाग और सीएम ऑफिस से एसएसपी को लिखे गए थे। गृह विभाग से तीन जुलाई 2014 को जबकि सीएम के आप्त सचिव के यहां से 14 जून को ईस्ट सिंहभूम के एसएसपी को नीतू के मामले में लेटर लिखा गया था। नीतू के पिता आरएन सिंह 2008 में टिस्को से सीनियर सुपरवाइजर के पोस्ट से रिटायर हुए। नीतू की बहन टिस्को में काम करती है, जबकि भाई मुकेश कोलकाता में टीसीएस में काम करता है।

नीतू के ठीक होने के लिए आप भी दुआ करें

नीतू के पास उसके परिवार वाले पहुंच तो गए हैं, लेकिन वह बेहोश है। उसके लिए माता-पिता और भाई की आंखों में आंसू तो हैं, लेकिन वे उससे बात नहीं कर पा रहे। हम और आप एक बेटी, एक बहन को उसके अपनों के पास सकुशल पहुंच जाने की दुआ तो कर ही सकते हैं। आपके मन में नीतू और उसके परिवार वालों के प्रति जो भी फीलिंग्स हो उसे आप फोन कर, मैसेज या व्हाट्सएप कर हमें बता सकते हैं। हम आपकी बात न्यूज पेपर के माध्यम से उन तक पहुंचाएंगे। हमारा नंबर है - 9570116859.

मैं आई नेक्स्ट के प्रति कितना शुक्रगुजार हूं वह शब्दों में नहीं बता सकता। एक माता-पिता की आंखों के आंसू को पोछने का काम इस न्यूज पेपर ने किया है। बेटी मिल गई है, लेकिन उसके सकुशल घर वापसी के लिए सभी की दुआओं की जरूरत है।

- आरएन सिंह, नीतू के पिता

हम नीतू के लिए बहुत परेशान थे। आई नेक्स्ट में खबर छपने के बाद पापा ने मुझे कॉल किया। मैं आई नेक्स्ट को थैंक्स कहना चाहता हूं। बहन तो मिल गई है, लेकिन वह इंजर्ड है। हम उसका ट्रीटमेंट करवा रहे हैं।

-मुकेश, नीतू का भाई

नीतू के ट्रेन से उतर जाने के बाद हमारी महिला स्टाफ उसके पीछे नहीं जा पाई। उसने बताया कि साड़ी पहनने की वजह से वे नहीं उतर पाई। पर ऐसा नहीं था। उसने बाद में बताया कि साड़ी नहीं पहनी थी। हम तो नीतू का साथ ही दे रहे थे।

- डॉ कमरुद्दीन, प्रेसिडेंट यूनाइटेड ब्रदर्स एसोसिएशन

मैंने नीतू के मामले की रिपोर्ट बर्मामाइंस और सीतारामडेरा थाने से मांगी है। एसएसआई ने लापरवाही की है। उसे बड़े अधिकारी या लोकल थानों से संपर्क करना चाहिए था। रिपोर्ट आने पर हम निश्चित एक्शन लेंगे।

- अमोल वी होमकर, एसएसपी, ईस्ट सिंहभूम