-नौबस्ता के योगेंद्र विहान में मां-बेटी का कातिल भतीजा ही निकला, पुलिस ने आई नेक्स्ट की थ्योरी पर लगाई मुहर

-रोज-रोज टोकने से नाराज था हत्यारा, दोस्त के मिलकर वारदात को अन्जाम दिया

KANPUR: नौबस्ता के योगेंद्र विहार में महिला और उसकी बेटी का कत्ल किसी बाहरी शख्स ने नहीं बल्कि घर में रह रहे भतीजे दीपेश ने ही अपने दोस्त की मदद से किया था। वारदात को लूट का रूप देने के लिए चाकू से खुद को भी मामूली रूप से घायल कर लिया था। यह खुलासा कर बुधवार को पुलिस ने आई नेक्स्ट की थ्योरी पर मुहर लगा दी। आई नेक्स्ट ने पहले ही दिन परिस्थिति और हालात के आधार पर भतीजे पर शक जाहिर करते हुए बता दिया था कि कातिल घर के अंदर ही मौजूद है। पुलिस ने हत्यारोपी दीपेश और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने अपना जुर्म तो कबूल कर लिय है लेकिन उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। दीपेश ने तो पूछताछ में यह कर पुलिस अधिकारियों को भी चौंका दिया कि अपराध किए बिना कोई बड़ा आदमी नहीं बनता है।

पहले ही दिन हो गया था शक

नौबस्ता के योगेंद्र बिहार में रहने वाले शिवकुमार यादव प्राइवेट जॉब करते हैं। उनके परिवार में पत्नी उर्मिला, बेटी स्वाती और बेटा चंदन थे। उसके साथ भतीजा दीपेश भी रहता था। सोमवार को उनकी पत्नी उर्मिला और बेटी स्वाती की घर के अंदर ही बेरहमी से हत्या कर दी गई, जबकि भतीजा दीपेश घायल हालत में मिला था। दीपेश ने पुलिस को बताया था कि चार-पांच लोग घर के अंदर घुसे और लूटपाट करने लगे। विरोध करने पर ताई और बहन को मार डाला। पुलिस को घर से नगदी, जेवर और अन्य कीमती सामान गायब मिला था। लेकिन दीपेश के बयान और हावभाव बता रहे थे कि वह सच नहीं बोल रहा है। हाला भी यही बता रहे थे कि कातिल घर के अंदर ही मौजूद है।

ऐसे तैयार हुई मर्डर की पटकथा

शिवकुमार के मकान में उनके भाई विजय का भी हिस्सा है। वो गांव में रहते हैं। करीब छह महीने पहले विजय का बेटा दीपेश भी शहर आकर मकान के अपने हिस्से में रहने लगा.दीपेश नारायण महाविद्यालय से ग्रेजुएशन कर रहा था। साथ ही वो पनकी स्थित एक फैक्ट्री में काम भी करता था। लेकिन खाना वह ताई के यहां ही खाता था। दीपेश के मुताबिक, उर्मिला और स्वाती उसे हर बात में टोकती रहती थी। ये न करो, वहां मत जाओ, यहां न बैठोइस वजह से वह आजाद जिंदगी नहीं जी पा रहा था। उसने एक-दो बार उनका विरोध किया तो उर्मिला ने उसके पिता से शिकायत कर दी। इसी के चलते वह ताई और बहन दोनों से नफरत करने लगा और बदला लेने के लिए दोनों की हत्या का प्लान बना डाला।

दो दिन दोस्त को घर पर छिपा कर रखा

दीपेश को अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए एक ओर साथी की तलाश थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात फैक्ट्री के पास रतनपुर कालोनी में रहने वाले अंशु मौर्या से हुई। उसने अंशू को लूट के सामान में हिस्सा देने का लालच देकर प्लान में शामिल कर लिया। इसके बाद वो अंशु को चुपचाप 11 जुलाई को घर ले आया। उर्मिला समेत अन्य परिजनों को इसकी भनक भी नहीं लगी। दोनों मौके का इंतजार करने लगे। सोमवार को मौका मिलते ही दीपेश ने अंशु की मदद से दोनों का मर्डर कर दिया। उर्मिला और स्वाती के मर्डर का पता भले ही शाम को चला हो, लेकिन दीपेश और अंशु ने सुबह 10 बजे ही उन्हें मार दिया था। दीपेश ने बताया कि उसने पहले ताई की हत्या की फिर बहन की। दीपेश के मुताबिक वो दोनों का मुंह दबाए था, जबकि अंशु ने गला दबाया।

डॉक्टर ने पकड़ा दीपेश का झूठ

एसएसपी शलभ माथुर के मुताबिक इस मामले में उत्कर्ष हॉस्पिटल के डॉक्टर ने सराहनीय काम किया है। इलाकाई लोग ायल दीपेश को हॉस्पिटल ले गए थे। जहां डॉक्टर ने उसका चेकअप किया तो पता चला कि उसे न तो कोई गंभीर चोट लगी है और न ही घटना को लेकर कोई तनाव या परेशानी। डॉक्टर ने जैसे ही एसएसपी को दीपेश का पूरा हाल बताया एसएसपी ने दीपेश को गिरफ्त में लेने के आदेश दे दिए।