फ्रीडम ऑफ स्पीच का उल्लंघन

नेट न्युट्रेलिटी के समर्थन में उतरी नासकॉम ने इस मुद्दे को फ्रीडम ऑफ स्पीच से जोड़कर देखने की कोशिश की है. नासकॉम प्रेसीडेंट आर चंद्रशेखर ने कहा कि डाटा प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच को प्रतिबंधित किया जाना फ्रीडम ऑफ स्पीच का उल्लंघन होगा. उन्होंने कहा कि इस बात का कोई मतलब नहीं है कि आप बोलते रहें लेकिन आपको सुनने वाला कोई भी ना हो. आप कुछ भी कहते रहें लेकिन आपकी बात किसी तक नहीं पहुंचेगी. ऐसे में यह पूरी तरह से फ्रीडम ऑफ स्पीच का उल्लंघन होगा.

जरूरी है नेट न्यूट्रेलिटी

नासकॉम प्रेसीडेंट ने नेट न्यूट्रेलिटी को जरूरी बताते हुए कहा कि नेट न्यूट्रेलिटी से एक खुला क्षेत्र बनता है जिसमें इन्नोवेशन के लिए स्पेस मौजूद रहता है. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन एप इकोसिस्टम एवं टेलिकॉम कंपनियों के बीच किसी तरह का विरोधाभास नहीं है. इसके अलावा उन्होंने एयरटेलज जीरो की खुले रूप में निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाओं की मदद से इंटरनेट की रीच को प्रतिबंधित किया जाता है जो पूरी तरह से गलत है.

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