- शाहपुर के नंदानगर में सड़क किनारे झाडि़यों में मिली लावारिस नवजात बच्ची

- ठंड में रात भर ठिठुरती रही मासूम, सुबह हुई मोहल्ला वासियों को जानकारी

GORAKHPUR: शाहपुर एरिया के नंदानगर सैनिक विहार कॉलोनी के लोग गुरुवार सुबह सड़क किनारे एक नवजात बच्ची को देख चौंक गए। कोई मासूम को रात के समय झाड़ी में छोड़ गया था। इसकी जानकारी होते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। किसी ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इस बीच मोहल्ले में रहने वाले टीचर की पत्नी ने बच्ची को संभाला। रात भर ठंड में रहने के कारण बच्ची की हालत खराब थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास बच्ची की जानकारी जुटाने की कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां बाल रोग विशेषज्ञ ने प्राथमिक उपचार कर मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू के लिए रेफर कर दिया।

कौन मासूम को छोड़ गया

शाहपुर एरिया के नंदानगर सैनिक विहार कॉलोनी में रहने वाले मनोज पांडेय की बेटी खुशी पांडेय गुरुवार सुबह किसी काम से घर से निकली। कुछ दूर आगे जाने के बाद सड़क किनारे की झाड़ी में उसे एक नवजात बच्ची दिखाई पड़ी। खुशी ने तुरंत घर पहुंच अपनी मां रीता पांडेय को बच्ची के बारे में बताया। उन्होंने पड़ोस में किराए पर रहने वाले कुशीनगर जिले के हाटा निवासी प्राथमिक विद्यालय के टीचर दयाल सिंह की पत्नी शंभा को बताया। जानकारी पाकर मोहल्ले के अन्य लोग भी मौके पर पहुंचे। लोगों ने तत्काल पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की लेकिन किसी ने बच्ची के बारे में जानकारी न होने की बात बताई। इस बीच शंभा सिंह ने पुलिस से बच्ची का देखभाल करने की इच्छा जताई। बच्ची के बारे में जानकारी न मिलने पर पुलिस ने भी बच्ची को उन्हें सौंप दिया।

मैं ही पालूंगी इसे

शंभा सिंह से जब नवजात बच्ची के बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि कि मेरा एक बेटा शुभम आठ साल का है। अब मुझे एक बेटी मिल गई। मैं इसका पालन पोषण करूंगी। उन्होंने बताया कि सुबह जब वे झाड़ी के पास पहुंचीं तो बच्ची ठंड से कांप रही थी। ये देख उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने फौरन उस मासूम को संभाला। वे दोपहर एक बजे मासूम को लेकर जिला महिला अस्पताल के ओपीडी में पहुंचीं जहां बाल रोग विशेषज्ञ ने बच्ची को देखा। उचित इलाज के बाद उसे मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा गया।

वर्जन

ठंड लगने के चलते नवजात बच्ची की स्थिति ठीक नहीं थी। उसका उचित उपचार किया गया। अस्पताल में एनआईसीयू की सुविधा न होने की वजह से मजबूरी में उसे मेडिकल कॉलेज भेजना पड़ा।

- डॉ। जय कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ, जिला महिला अस्पताल