- 28 जुलाई से न्यू कैंपस में रहेंगे स्टूडेंट्स, 3 अगस्त को न्यू सेशन होगा स्टार्ट

PATNA: आईआईटी पटना को बिहटा में अपना कैंपस मिल गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने वेटेनरी कॉलेज ग्रांउड से न्यू कैंपस का इनॉगरेशन शनिवार को किया। दूसरी ओर, न्यू कैंपस में कोई उत्साह नहीं दिखा। कैंपस में पीएम के स्वागत के लिए हेलीपेड, पंडाल बनाया गया था, लेकिन पीएम के न्यू कैंपस नहीं पहुंचे।

कैंपस की खासियत

आईआईटी पटना का कैंपस भ्00 एकड़ में फैला है। कैंपस में तीन कैटेगरी की सड़कें हैं। मेन रोड से कैंपस के मेन बिल्डिंग तक जाने के लिए फ्0 मीटर चौड़ी सड़क है। दो लेन के मेन रोड में अप एंड डाउन 7.भ् मीटर चौड़ी कैरेज वे है। इसके अलावा अन्य रोड ख्ब् मीटर चौड़ा एवं क्ख् मीटर चौड़ा है।

ऑटोमेटिक बंद हो जाएगी लाइट

कैंपस में ऑफिस, लैब, क्लास रूम खाली रहने पर लाइट ऑटोमेटिक बंद हो जाएगी। लेटेस्ट सेंसर लगाए गए हैं। इसके अलावा बाथरूम, यूरिनल में वाटर सप्लाई के लिए सेंसर लगाया गया है।

-कैंपस वाई-फाई

- कैंपस में रोड पर स्ट्रीट लाइट में एनर्जी सेविंग के लिए एलईडी बल्व लगाया गया है।

- भवन के अंदर भी एनर्जी सेविंग लाइट व फैन लगाया गया है।

-फायर से बचाने के लिए बिल्डिंग में फायर सेंटर व वाटर स्प्रींकल लगाया गया है

- स्मोक सेंसर ऑफिस व क्लास रूम में लगाया गया है

- कैंपस में राउंड दि क्लॉक पावर सप्लाई के लिए ग्रिड से डायरेक्ट कनेक्ट किया गया है।

-कैंपस में तीन सब स्टेशन होगा

-इन सभी जगहों पर पावर कट के समय इमरजेंसी पावर सप्लाई के लिए ऑटोमेटिक जेन सेट की सुविधा है

- कैंपस के वाटर के ट्रीटमेंट के लिए तीन ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं।

-तीन सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं जो सिवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर पाएंगे।

-कैंपस को ग्रीन बनाए रखने के लिए पुराने प्लांट को बचा कर रखा गया है।

-कैंपस में मेडिसनल प्लांट सहित कई प्रकार के प्लांट का प्लांटेशन जारी है

-पटना से फ्भ् किलोमीटर दूर वेस्ट में न्यू कैंपस बिहटा में है।

-बिहटा स्टेशन से कैंपस की दूरी तीन किलोमीटर है।

आईआईटी बिल्डिंग हीट प्रूफ

हिट प्रूफ बिल्डिंग बनाने के लिए कैंपस के बिल्डिंग्स में यूएसए से इंपोर्टेड पिल क्लिंटन ग्लास का यूज किया गया है। ग्लास लाइट को एंट्री देगा, लेकिन हिट को अंदर नहीं आने देगा। ग्लास बिल्डिंग को लूक में चार चांद लगा रहा है।

कैंपस ग्रीन व क्लीन

आईआईटी कैंपस को ज्यादा से ज्यादा ग्रीन बनाने का प्रयास किया गया है। कैंपस के प्राय: भवन इसी को ध्यान में रखकर मल्टी स्टोरिड बिल्डिंग बनाया गया है। आईआईटी के रजिस्ट्रार डॉ सुभाष पांडे ने बताया कि कैंपस में अधिकतर भवन खुले स्पेस को ग्रीन बनाने के ख्याल से बनाया गया है।

एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग जी-थ्री

इसी ब्लॉक में सभी डायरेक्टर चेंबर सहित सभी ऑफिस होंगे। एकेडमिक ब्लॉक जी प्लस फाइव है। इसमें फूड कोर्ट सहित कई सुविधाएं होंगी। स्टूडेंट्स के लिए जी प्लस सेवन हॉस्टल बनाया गया है। हॉस्टल में स्टूडेंस के लिए सिंगल सीटेड 9क्ख् रूम है। सह ब्लॉक में स्टूडेंट्स के लिए किचन डायनिंग रूम व कॉमन रूम की व्यवस्था है।

स्टॉफ के लिए भी क्वार्टर

कैंपस में डायरेक्टर के लिए आधुनिक बंगला बनाया गया है। वहीं स्टॉफ के लिए बी टाइप थ्री बीएचके के क्ब्ब् क्वार्टर एवं डी टाइप क्वार्टर टू बीएचके म्ब् के क्वार्टर बनाए गए हैं। कैंपस में हॉस्पीटल, जिम, प्लेग्राउंड, स्टॉफ के बच्चों के लिए स्कूल, आदि की व्यवस्था होगी। कैंपस में बैक, मार्केट आदि की भी सुविधाएं होगी। आईआईटी पटना कैंपस में पेट्रोल पंप की भी व्यवस्था की जाएगी।

कैंपस में अभी 970 स्टूडेंट्स हैं। न्यू सेशन से यह संख्या बढ़कर क्क्00 हो जाएगी। फंड व सुविधा पर डिपेंड है कि कैंपस में स्टूडेंट्स के सीटों की संख्या कितनी बढ़ेगी। कौन-कौन से नए ब्रांच खुलेंगे।

-डॉ सुभाष पांडेय, रजिस्ट्रार, आईआईटी पटना