AGRA: एसएन मेडिकल कॉलेज में बन रही नई बिल्डिंग को सात साल हो गये हैं। लेकिन बिल्डिंग दयालबाग हो गई है। इसे बनने में शायद अभी दो साल और लग जाएं। इससे सबसे ज्यादा नुकसान आगरा और आसपास के गरीब मरीजों को हो रहा है। वहीं निर्माण में देरी से बढ़ रही लागत से राजस्व को भी चूना लग रहा है।

तीन मंजिल ही हो पाई तैयार

एसएन मेडिकल कॉलेज की नई बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन का काम यूपी सीएन डीएस कंपनी को दिया गया था। इस बिल्डिंग को बनाने के लिए करीब 82 करोड़ के बजट में तैयार हो रही बिल्डिंग को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं, लेकिन बिल्डिंग की अभी भी सिर्फ तीन मंजिला ही पूरी तरह से कंप्लीट हो पाई हैं।

मॉड्युलर थिएटर में सर्जरी ओटी तैयार

आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार इस बिल्डिंग मॉड्युलर थियेटर के साथ ओटी बनाई जानी है। फिलहाल सर्जरी विभाग पूरी तरह से इस बिल्डिंग में शिफ्ट हो चुका है। सिर्फ यही विभाग हैं जिसमें कार्य सुचारू रूप से चालू है। प्रतिदिन सर्जरी विभाग की ओर से इस बिल्डिंग में करीब 20-30 ऑपरेशन पर-डे किए जा रहे हैं।

फ्लोर को लेकर झगड़ा

फ‌र्स्ट-सैकेंड फ्लोर को लेकर सर्जरी व ऑर्थोपेडिक्स विभाग में काफी झगड़ा चला। इसके लिए सामानों की फेंका-फेंकी भी हुई। लेकिन 1, 2, 3 फ्लोर पर सर्जरी को मोहर लग गई।

भारी अव्यवस्था, स्टाफ की कमी

एसएन मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की पहले से ही काफी शॉर्टेज चल रही थी। पहले तो 100 बैड पर एक नर्स स्टाफ था अब पूरे फ्लोर पर सिर्फ एक नर्स स्टाफ है।

सेंट्रल ऑक्सीजन नहीं चालू

न्यू बिल्डिंग में सेंटर ऑक्सीजन सप्लाई की अभी शुरुआत नहीं हुई है। जिससे वहां पर ऑक्सीजन सप्लाई ठप पड़ी हुई है। सर्जरी में यूज होने वाले ऑक्सीजन के लिए अभी तक ऑक्सीजन के सिलेंडरों का यूज होता है। बिल्डिंग में अभी भी 4,5,6 फ्लोर पर डेंटिंग पेंटिंग का कार्य जारी है। ऑर्थोपेडिक्स के एचओडी डॉ। सीपी पाल के अनुसार अभी तक उनके फ्लोर के लिए ओटी तक तैयार नहीं हुई है। अब यह तो हो नहीं सकता कि हम यहां पर ऑपरेशन करें फिर मरीज को वहां पर शिफ्ट करें। जबतक ओटी चालू नहीं होगी मैं अपने विभाग को वहां पर शिफ्ट नहीं करूंगा।