- न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर 14-15 मार्च को लखनऊ में होगी बैठक

- तीन दशक बाद होने वाली बैठक में देश भर की यूनिवर्सिटीज के वीसी करेंगे पार्टिसिपेट

- नए जमाने के लिए प्रोफेशनल व रिसर्च स्कॉलर तैयार करने पर होगा जोर

PATNA : सेंट्रल गवर्नमेंट की बैठक में क्ब्-क्भ् मार्च को देश भर की यूनिवर्सिटी के वीसी शामिल होंगे। लखनऊ यूनिवर्सिटी में न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर बैठक होगी। सेंट्रल गवर्नमेंट इस वर्ष के अंत तक न्यू एजुकेशन पॉलिसी लाएगी। सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा ख्म् जनवरी ख्0क्भ् को कंट्री लेवल पर नई एजुकेशन पॉलिसी लाने की घोषणा की गई थी। न्यू एजुकेशन पॉलिसी लाने के लिए गवर्नमेंट मल्टी लेवल पर तैयारी कर रही है। मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट ने फ्क् जून तक पब्लिक से सुझाव मांगे हैं। वहीं यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने पिछले साल स्टूडेंट्स व एकेडमिशियंस से प्रस्ताव लिए हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी में बैठक के दौरान दो सौ वीसी की मीटिंग होगी। मीटिंग में मार्केट की डिमांड के हिसाब से नए जमाने के लिए प्रोफेशनल व रिसर्च स्कॉलर तैयार करने पर बल दिया जाएगा।

आईटी पर होगी चर्चा

स्टेट यूनिवर्सिटीज के सामने इन दिनों सबसे बड़ी प्रोब्लम रिसर्च वर्क आउट ऑफ फोकस हो चुका है। रिसर्च के लिए टीचर्स की कमी व उपलब्ध टीचर्स के पास वर्क लोड के कारण रिसर्च के लिए टाइम नहीं होना बताया जाता है। बैठक में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिमांड्स व सुविधाओं पर भी चर्चा होगी।

कैसा होगा न्यू मॉडल

बैठक में हायर एजुकेशन का मॉडल कैसा हो इसपर भी चर्चा होगी। पटना यूनिवर्सिटी के डीन ऑफ सोशल साइंस डॉ नवल किशोर चौधरी का मानना है कि स्टेट यूनिवर्सिटी की स्थिति सुधारने के लिए पहले स्टेट गवर्नमेंट को टीचर्स व प्राइमरी फैसिलिटी को पूरा करने के लिए टाइम बाउंड के साथ कदम उठाना चाहिए। आज स्टेट यूनिवर्सिटी व गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स की कमी को वर्षो से झेल रहा है। इसे पूरा किए बिना हायर एजुकेशन के फील्ड में रिफार्म का कोई मायने नहीं।