अशोक चव्हाण : (महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष)
राज्य में कांग्रेस जरूर 'सकारात्मक विपक्ष' की भूमिका निभाएगी. ऐसा कहना है महाराष्ट्र कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अशोक चव्हाण का. अशोक सोमवार शाम पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र या फिर केंद्र की सरकार अगर यहां की जनता के हित में निर्णय करेगी, तो उसके साथ सहयोग किया जाएगा. इसके विपरीत अगर जनता के हित का विरोध होगा तो वहां हमें भी विरोध करना ही होगा.     

भूमि अधिग्रहण पर बोले चव्हाण
इस दौरान चव्हाण ने बीते दिनों सत्ता में 100 दिन पूरे करने वाली देवेंद्र फडणवीस सरकार का इस्तीफा मांगने की संभावना से पूरी तरह से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह बेहद बारीकि से उनके कामकाज पर नजर रखेंगे. उनका कहना है कि सिर्फ विरोध के लिए वह विरोध में विश्वास नहीं रखते. इसी के साथ 'किसान विरोधी' भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर उन्होंने अपना विरोध साफ शब्दों में दर्ज कराया. बताया जा रहा है कि इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री रहे पृथ्वीराज चव्हाण ने जमीन के अधिग्रहण के लिए 80 प्रतिशत प्रभावित लोगों की सहमति लिए जाने का भी पुरजोर विरोध किया था.

पृथ्वीराज चव्हाण की राय पर बोले अशोक
इसपर चव्हाण ने कहा, 'पृथ्वीराज चव्हाण ने जो राय दी मुझे मालूम नहीं. मैं पार्टी की भूमिका रखता हूं. आदिवासियों की जमीनें बिकने न देने का फैसला कांग्रेस सरकारों ने महाराष्ट्र में किया था. लैंड-सीलिंग में ज्यादा जमीन रखने वालों से जमीन लेकर गरीबों की दे दी गई थीं. अपनी जमीन के लिए कोई अदालत तक न जाए, यह किसानों के हितों में कतई नहीं है. इस मामले में हम हर कीमत पर जनता के साथ रहेंगे.' उनका कहना है कि एनसीपी के साथ कांग्रेस से बिगड़ते संबंध सुधारेंगे. चव्हाण ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर एनसीपी के साथ उन्होंने सरकार चलाई है. इसके बाद आगे भी जहां तक संभव हो सकेगा, मिलकर ही काम करेंगे. आदर्श सोसायटी के विवाद पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मामला अभी अदालत के विचाराधीन है, इसलिए वह इस बारे में कुछ भी टिप्पणी नहीं करेंगे.

संजय निरुपम : (मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष)
मुंबई कांग्रेस के नए अध्यक्ष संजय निरुपम ने भी इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि उनके नेतृत्व में पार्टी जरूर आक्रामक रवैया ही अख्तियार करेगी. इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या इसके आगे भी आक्रामकता दिखाई देगी, तो अपनी बेहद बेबाक शैली में उन्होंने तुरंत इसका जवाब दिया कि वह तो स्वभाव से ही आक्रामक हैं. बताते चलें कि संजय शाम को पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. अभी मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद वे दिल्ली से मुंबई पहुंचे ही थे. इस दौरान निरुपम ने बताया कि वह मुंबई के अंदर 'नाइट लाइफ' के नाम पर युवकों को नशाखोरी का आदी बनाने के फैसले का विरोध करेंगे.

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मोदी सरकार पर बोले संजय
मोदी सरकार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मोदी की अगुवाई में भाजपा ने युवकों को नौकरी दिलाने का वादा किया था. ऐसे में रात के अंधेरे में शराब की दुकानें खोलकर यह सरकार शायद उन्हें शराब पीने के लिए उक्साना चाहती है. उन्होंने इस बात की भी आशंका व्यक्त की है कि केंद्र के ऐसे फैसले के पीछे युवकों को वादे से गुमराह करने की साजिश भी जिम्मेदार हो सकती है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर ही मुंबई में रात को शराब पीकर गाड़ियां चलाने के सबसे ज्यादा मामले पकड़े जाते हैं. उन्होंने कहा कि शुक्रवार से लेकर रविवार रात तक ट्रैफिक डिपार्टमेंट का समय ड्रंकन ड्राइवरों को पकड़ने में ही निकल जाता है. ऐसे में इस तरह के अभियानों को पूरे सप्ताह चलाने के लिए क्या इतना संख्याबल ट्रैफिक पुलिस के पास है. इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि संकरी सड़कों पर ऊंचे टॉवर खड़े करने से ट्रैफिक और पार्किंग दोनों की समस्या खड़ी हो जाएगी. ऐसे में बिना सोचे-समझे एक साथ ज्यादा निर्माण को अनुमति देने से समस्या हल होने की बजाए और भी बढ़ेगी.

अजय माकन : (दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष)
अरविंदर सिंह लवली को पद से हटाकर अब अजय माकन को दिल्ली से कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. अजय माकन को इसकी कमान सौंपने को लेकर आम सहमति बनने के बाद रविवार को इसकी औपचारिक घोषणा की गई. बताते चलें कि विधानसभा चुनावों में अब तक की सबसे करारी हार का सामना करने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में माकन को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय लिया गया. हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनावों में माकन को प्रचार अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इतना ही नहीं वह ही पार्टी का चेहरा भी थे. इससे पहले उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनावों में सदर बाजार सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे. इससे पहले अजय माकन दिल्ली विधानसभा के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. शीला दीक्षित की सरकार के समय में वह दो बार मंत्री भी रहे. इसके बाद से पहले से ही दिल्ली की राजनीति में उनकी वापसी के कयास लगाए जा रहे थे.

गुलाम मीर : (जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष)
सैफुद्दीन सोज़ की जगह पर अब गुलाम मीर को जम्मू-कश्मीर का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है. आपको बता दें कि जनता की सेवा के लिए गुलाम मीर को पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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उत्तम कुमार रेड्डी : (तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष)
शनिवार को पोन्नाला की जगह पर उत्तम कुमार रेड्डी को तेलंगाना का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इनके बारे में बताते चलें कि आंध्र प्रदेश स्टेट असेंबली के लिए इन्हें तीन बार चुना जा चुका है. 2009 में आंध्र प्रदेश स्टेट असेंबली इलेक्शन में इन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के लिए चुन लिया गया था. इससे पहले 2004 में भी इन्होंने आंध्र प्रदेश स्टेट असेंबली इलेक्शन जीता था. इससे भी पहले 1999 में भी यह यहां चुनाव के दौरान विजयी रहे थे. अब तेलंगाना से कांग्रेस पार्टी की कमान इन्हीं के हाथों सौंप दी गई है.

भरत सिंह सोलंकी : (गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष)
अहमदाबाद, गुजरात प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष अब भरत सिंह माधवसिंह सोलंकी को बनाया गया है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुजरात के मौजूदा अध्यक्ष अर्जुन मोढवाड़िया के इस्तीफे को रविवार को स्वीकार करते हुए गुजरात कांग्रेस के ढांचे में बदलाव के संकेत दे दिए हैं. इसके साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव गुरुदास कामत ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व पूर्व अध्यक्ष भरत सोलंकी के नाम की घोषणा कर दी. आपको बता दें कि गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष की कतार में वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला व सिद्धार्थ पटेल के नाम चल रहे थे. गौरतलब है कि मोढवाड़िया ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद आलाकमान को अपना इस्तीफा दिल्ली भेज दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था.

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