पचपन वर्षीय क्रिस्टीन लैगार्ड विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था के प्रमुख के तौर पर चुनी जानेवाली पहली महिला हैं। दिन में अमरीका और रूस के समर्थन की घोषणा के बाद क्रिस्टीन लैगार्ड का चुना जाना लगभग तय हो गया था। मेक्सिको के सेंट्रल बैंक के गवर्नर ऑगस्टीन कार्सट्न को फ्रांस के वर्तमान वित्त मंत्री का मुख्य प्रतिद्वंदी बताया जा रहा था लेकिन अमरीका, यूरोप और कई अन्य देशों के समर्थन की वजह से क्रिस्टीन लैगार्ड का पलड़ा भारी था।

इस बार विकासशील देश के किसी उम्मीदवार को आईएमएफ़ की ज़िम्मेदारी दिए जाने की उठी मांग के बावजूद भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों ने भी क्रिस्टीन लैगार्ड के पक्ष में मत डाला है। साल 1944 में स्थापित आईएमएफ़ के प्रमुख का पद अबतक यूरोपीय देशों से तालुक्क़ रखनेवाले उम्मीदवारों के पक्ष में ही गया है।

हालांकि आईएमएफ़ ने एक बयान में कहा है कि दोनों ही उम्मीदवार इस ज़िम्मेदारी के लिए पूरी तरह से सक्षम थे। आईएमएफ़ के पूर्व प्रबंध निदेशक डोमिनिक स्ट्रॉस कान को ब्लात्कार के प्रयास के आरोप लगने के बाद पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था।

ग्रीस

अपनी नियुक्ति के बाद दिए गए पहले बयान में क्रिस्टीन लैगार्ड ने ग्रीस के विपक्षी दलों से अपील की है कि वो ख़र्च कम करने की सरकार की आर्थिक पहल का समर्थन करें.  उनका ये बयान तब आया है जबकि सरकार के कठोर आर्थिक सुधारों के विरोध में ग्रीस में 48 घंटों की हड़ताल जारी है। राजधानी एथेंस में विरोध के लिए जमा एक प्रदर्शन में हिंसा शुरू हो गई जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आँसू गैस के गोले छोड़े हैं। बीबीसी के एक संवाददाता का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने एक मोबाईल फ़ोन वाहन को आग लगा दी।

सरकार के बजट में कटौती प्रस्ताव को बुधवार और गुरूवार को संसद में मत के लिए रखा जाएगा। ग्रीस के प्रधानमंत्री जॉर्ज पॉपेंड्रयू ने चेतावनी दी है कि अगर आर्थिक सुधारों को मंजूरी नहीं मिली तो देश के पास धनराशि की कमी हो जाएगी.अगर ग्रीस आर्थिक सुधारों को मंज़ूरी दे देता है तो उसे क़र्ज़ की अदाएगी के लिए अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता मिल जाएगी।

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