छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : टाटा स्टील में नई जॉब फॉर जॉब स्कीम 20 नवंबर को लागू हो गई है। यह योजना 20 दिसंबर (एक माह) तक प्रभावी रहेगी। इस योजना के लागू हो जाने से अब कर्मचारी स्वेच्छा से अपने आश्रित को टाटा स्टील में नौकरी दे सकेंगे। कई आकर्षक पैकेज वाली इस योजना को लागू करने के लिए आठ नवंबर को टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट एसके चौधरी, महासचिव बीके डिंडा और कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस योजना के 20 नवंबर से लागू होने की बात उसी समय कही गई थी। इस आधार पर प्रबंधन ने 20 नवंबर को विभागीय सर्कुलर जारी कर जॉब फॉर जॉब स्कीम शुरू होने की घोषणा कर दी।

क्या है यह स्कीम

- 18 से 20 वर्ष के वैसे आश्रित, जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा अंग्रेजी, विज्ञान और गणित के साथ पास की है, उन्हें एनएस-चार ग्रेड में नौकरी दी जाएगी।

- एक साल के प्रशिक्षण के बाद अगर फेल कर जाता है और प्रशिक्षण जारी नहीं रखना चाहता तो एक साल के बाद उसे एनएस-1 ग्रेड में नौकरी मिलेगी।

- जिन आश्रितों की उम्र 18 से 44 वर्ष है और एनसीवीटी डिप्लोमा एआईसीटीआई से मान्यता प्राप्त संस्थानए आरडी टाटा टेक्निकल संस्थान या जेएन टाटा तकनीकी संस्थान से किया है, उन्हें एनएस-4 ग्रेड में नौकरी मिलेगी।

फर्जी कागजात पर लोन लेनेवाले पर वारंट

फर्जी कागजातों के आधार पर होम लोन लेने के आरोपी डीजीएल फर्नीचर एंड माइल स्टोन जमशेदपुर के प्रोपराइटर विश्वजीत सरकार के खिलाफ सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अखिल कुमार की अदालत ने वारंट जारी किया है। विश्वजीत के खिलाफ आइडीबीआई विष्टुपुर के मैनेजर आलोक कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले को लेकर सीबीआइ कांड संख्या आरसी 11ए/11आर के तहत प्राथमिकी दर्ज है। इसमें विश्वजीत सहित कौशल कुमार सिंह व राम सुंदर महतो आरोपी है। इनके खिलाफ फर्जी कागजात के आधार पर 57 लाख 28 हजार व 71 लाख 75 हजार रुपये लोन लेने का आरोप है। तीनों के खिलाफ पूर्व में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में चार्जशीट दाखिल किया गया था।