-जघन्य अपराध के लिए 18 नहीं 16 साल में होंगे बालिग

-राजकीय संप्रेषण गृह में भी बंद हैं जघन्य अपराध में कई बाल अपराधी

-हत्या, हत्या का प्रयास और रेप का है आरोप, उम्र 17 साल है इसलिए राजकीय संप्रेषण गृह में हैं बंद

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राजकीय संप्रेषण गृह में बंद करीब एक दर्जन बाल अपराधी अचानक बालिग हो गए। हालांकि इनके खिलाफ अभी बड़े अपराधियों की तरह व्यवहार नहीं किया जाएगा और न ही इन्हें जिला जेल भेज कर उम्र कैद या फांसी की सजा के लिए पैरवी की जाएगी। सुधार गृह में रह रहे इन बाल अपराधियों की उम्र 16 साल से अधिक और 18 साल से कम हैं। मगर अब नए कानून के तहत जघन्य अपराध में नाबालिग की उम्र 18 की बजाय 16 साल कर दी गई है।

जघन्य अपराध किया तो बच्चे नहीं

निर्भया कांड के बाद उठे बड़े सवाल का जवाब कानून में चेंज के साथ मिल गया है। अब जघन्य अपराध करने वाले नाबालिग की उम्र 18 नहीं बल्कि 16 साल समझा जाएगा। इस न्यूज के बाद राजकीय संप्रेषण गृह में भी हड़कंप मचा रहा। क्योंकि यहां एक दर्जन से अधिक बाल अपराधी बंद हैं, जिन पर आरोप जघन्य अपराध का है और उम्र 16 साल से अधिक है। सबसे अधिक मामले रेप और हत्या के हैं। हालांकि अधीक्षक ने बताया कि यह आदेश नए मामलों में लागू होगा।

बिगाड़ते हैं माहौल

नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि संप्रेषण गृह में कुछ समय का शिकार हो जाते हैं तो कुछ शातिर अपराधी होते हैं। इनमें अधिकतर 16 साल से अधिक एज वाले होते हैं। ये अक्सर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। कभी झगड़ा करते हैं तो कभी छोटों को परेशान करते हैं। हालांकि सख्ती के चलते वे कामयाब नहीं होते हैं। अगर ये अपराधी जेल में रहेंगे तो संप्रेषण गृह में रहने वालों को सुधरने का मौका मिलेगा।

वर्जन-

राजकीय संप्रेषण गृह में 80 बाल अपराधी अलग-अलग अपराध के आरोप में बंद हैं। इन सभी की उम्र 18 साल से कम हैं। क्योंकि 18 साल से अधिक उम्र होने पर अपराधी जिला जेल में रखे जाते हैं। संप्रेषण गृह में हत्या, हत्या का प्रयास, रेप जैसे संगीन धारा में ऐसे करीब एक दर्जन बंद हैं, जिनकी उम्र 16 साल से अधिक है।

सुबोध कुमार सिंह, अधीक्षक राजकीय संप्रेषण गृह