- एलयू के नए मूल्यांकन पैटर्न से परेशान है बीएससी और बीए के स्टूडेंट्स

- हर स्टूडेंट्स को 50 के स्थान पर 48 नंबर में से दिए जा रहे मा‌र्क्स

LUCKNOW: राजभवन द्वारा लखनऊ यूनिवर्सिटी के जिस मूल्यांकन मॉडल को काफी सराहा गया था अब उस पर ही उंगलियां उठने लगी हैं। राजभवन ने तो यहां तक कह दिया था कि इस मॉडल को स्टेट की सभी यूनिवर्सिटी में लागू कराया जायेगा। वहीं जब इसको लेकर राजभवन में प्रजेंटेशन दिया गया तो दिया, उसमें कई तरह की खामियां सामने आई हैं। खासतौर पर इस नए मूल्यांकन पैटर्न के कारण बीएससी के सभी विषयों की मूल्यांकन प्रक्रिया स्टूडेंट्स को नुकसान हो रहा है। हर सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स को दो नंबर का नुकसान हो रहा है। नयी मूल्यांकन प्रक्रिया में बारकोड शामिल करने के साथ ही फ‌र्स्ट पेज पर ओएमआर शीट लगाई गई थी। पर यही प्रक्रिया अब स्टूडेंट्स के लिए नुकसान देय साबित होही है।

B.Sc स्टूडेंट्स को नुकसान

एलयू ने मूल्यांकन के लिए कॉपियों पर ओएमआर शीट लगाई गई। पर यही ओएमआर शीट ने बीएससी फ‌र्स्ट, सेकेंड और थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स के लिए नुकसानदेय साबित हो रही है। बीएससी के हर पेपर में कुल 50 नंबर का होता है, लेकिन इस बार स्टूडेंट्स के सभी मूल्यांकन कुल 48 मा‌र्क्स पर ही किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी ने इस सेशन से स्टूडेंट्स के लिए आंसर शीट नए प्रकार की बनाई है। जिसमें मूल्यांकन के समय केवल पूर्णाक में ही मा‌र्क्स दिए जाने की व्यवस्था है। जिसके अनुसार अगर कोई सवाल 2.5 मा‌र्क्स का है तो मूल्यांकन में उस सवाल को केवल दो मा‌र्क्स ही दिए जाएंगे। प्वाइंट 5 मा‌र्क्स देने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। पर यूनिवर्सिटी में बीएससी के स्टूडेंट्स को चार सवाल साढ़े सात नंबर के होते है। इस बार मूल्यांकन केवल सात मा‌र्क्स में किया जा रहा है, जिससे 50 मा‌र्क्स की जगह पर केवल 48 मा‌र्क्स में ही मूल्यांकन हो रहा है। ऐसे में पूरे बीएससी कोर्स में स्टूडेंट्स को 50 मा‌र्क्स के स्थान पर कुल 48 मा‌र्क्स में मूल्यांकन किया गया है। ऐसे में इस प्रकार पूरे एग्जाम में हर स्टूडेंट्स को 10 प्रश्न पत्रों में 20 मा‌र्क्स का नुकसान हो रहा है। यही नुकसान बीए के इंग्लिश, बीए स्टैटिक्स जैसे कोर्सेसें भी हो रहा है।

Exam पैटर्न में नहीं किया बदलाव

यूपी स्टेट यूनिवर्सिटी व डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ फुफोक्टा के महामंत्री डॉ। हरेंद्र कुमार राय बताते हैं कि यूनिवर्सिटी ने मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ओएमआर सिस्टम में लागू कर दिया। साथ ही इसमें आधा मा‌र्क्स देने का सिस्टम समाप्त कर दिया। पर बीएससी में सभी बड़े सवाल साढ़े सात नंबर के होते हैं। वहीं ओएमआर शीट में इन सवालों के मूल्यांकन के बाद नंबर देने के लिए केवल सात तक कॉलम बना हुआ है। आधे मा‌र्क्स देने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स को काफी नुकसान हो रहा है। यूनिवर्सिटी को अगर यही सिस्टम को लागू करना था तो उसे अपने एग्जाम पैर्टन में बदलाव करने की जरूरत थी। जिसमें साढ़े सात नंबर के पूछे जाने वाले सवालों की व्यवस्था को समाप्त करना चाहिए था। बिना देखे ही इसे लागू कर दिया गया।

यूनिवर्सिटी ने मूल्यांकन पैटर्न तो बदल दिया, पर एग्जाम में पूछ्रे गए सवालों के कुल नंबर में बदलाव नहीं किया। जिस कारण से हर स्टूडेंट्स को दो मा‌र्क्स का नुकसान हो रहा है। खासतौर पर बीएससी के सभी इयर के स्टूडेंट्स को इस बार 50 के स्थान पर 48 मा‌र्क्स में मार्किंग की जा रही है।

- प्रो। हरेंद्र नाथ राय, महामंत्री, फुफोक्टा

यूनिवर्सिटी ने मूल्यांकन के पैटर्न में बदलाव तो कर दिया पर एग्जाम लेने सवालों के कुल नंबर के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया है। जिस कारण से आधे नंबर का नुकसान हर सवाल में हो रहा है।

- प्रो। मनोज पांडेय, अध्यक्ष, लुआक्टा