-कानून-व्यवस्था के लिये पेश कर रहे हैं चुनौती

-कहीं थाने में घुसकर मारपीट तो कहीं एएसपी पर दाग रहे गोलियां

-पेरेंट्स की इग्नोरेंस से बिगड़ रहे हैं बच्चे

-नशाखोरी से लेकर क्राइम करने तक से नहीं कर रहे गुरेज

LUCKNOW: वे अपनी ऊल-जलूल जरूरतो को पूरा करने के लिये घर मे चोरी कर रहे हैं। अपने मां-बाप के डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये उनकी बिना जानकारी के ही हजारों की ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे है, इतना ही नहीं नशे के फितूर में तो वे अब पुलिसकर्मियों की गिरेबां में हाथ डालने से नहीं कतरा रहे। इसे मां-बाप के रसूख का दम कहें या फिर पेरेन्ट्स की अपने बच्चों पर बेपनाह सरपरस्ती कि अब तो यह रईसजादे पुलिस पर गोलियां दागने से भी नहीं डर रहे। समाज में बढ़ रहे इस खतरनाक ट्रेंड को देख समाजशास्त्री हैरान हैं बल्कि पुलिस ऑफिसर्स को भी समझ नहीं आ रहा कि आखिर वह रईसजादों की इस नई पीढ़ी से किस तरह निपटे।

थाने में घुसकर किया तांडव

आशियाना निवासी मनीष वर्मा की पावर हाउस चौराहा स्थित वन्दना कॉम्पलेक्स में सूर्या आभूषण केन्द्र के नाम से दुकान है। दुकान में रखवाने के लिये मनीष ने एक लॉकर मंगाया था। इसी बीच कॉम्प्लेक्स मालिक सुरेश यादव बेटे गुड्डू उर्फ शैलेन्द्र अपने साथी आनंद के साथ मौके पर पहुंच गये। इसी दौरान उनके बीच विवाद हो गया। मामला बढ़ने पर आरोपियों ने साथी विजय, विनीत श्रीवास्तव के साथ मिलकर मनीष व ड्राइवर विजय के साथ मारपीट शुरू कर दी। बेखौफ दबंगों ने जानकारी मिलने पर पहुंचे कॉन्सटेबल कमल किशोर यादव और वेद प्रकाश यादव को पीट दिया। इस पर दोनो कॉन्सटेबल्स वहां से जान बचाकर भाग निकले। थाने पहुंचे कॉन्सटेबल कमल व वेदप्रकाश ने आपबीती सुनाई और पुलिस जीप भर के पुलिसकर्मी फिर से वंदना प्लाजा जा पहुंचे। पुलिस को आया देख सुरेश और उसके साथियों ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा लिया। वहीं, पुलिसकर्मियों के पीछे-पीछे दबंग भी थाने जा पहुंचे और कमल व वेदप्रकाश को पकड़कर फिर से पीटना शुरू कर दिया। थाने पर दबंगों ने करीब एक घंटे तक तांडव किया।

दारोगा को पीट दिया

हजरतगंज के परिवर्तन चौक चौराहा पर देररात स्कॉर्पियो सवार तीन युवक सऊद, सैफ और आमिर बोनट पर बोतल रखकर जाम से जाम लड़ा रहे थे। कॉन्सटेबल अमित चतुर्वेदी ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वे उस पर बिफर पड़े। गालीगलौज से दबाव में आए कॉन्सटेबल चतुर्वेदी ने चौकी इंचार्ज एसआई उदय प्रताप सिंह को बुलाया। जब एसआई उदय ने उन्हें वहां से जाने की ताकीद की तो वे उनसे मारपीट करने लगे और उनकी वर्दी फाड़ डाली। बड़ी मुश्किल से उन तीनों को पकड़कर थाने लाया गया। जहां वे तीनों मौजूद पुलिसकर्मियों को उनकी वर्दी उतरवाने की धमकी और गालियां देते रहे।

छेड़खानी से रोका तो एएसपी पर कर दी फायरिंग

रविवार रात करीब 8 बजे सहारागंज की ओर से स्कूटी सवार युवती अलका तिराहे की ओर आ रही थी। इसी दौरान पीछे से आ रहे फोर्ड फिगो कार सवार युवकों ने उसे बिशुन नारायण इंटर कॉलेज के सामने ओवरटेक कर बीच सड़क रोक लिया। युवती के रुकते ही कार सवार एक युवक भी नीचे उतर आया और युवती को जबरन कार में खींचने लगा। युवती ने भी बचने के लिये स्कूटी पर पकड़ मजबूत कर दी। जिस पर शोहदे ने जलती सिगरेट से उसके शरीर पर कई जगह दाग दिया। इसी बीच उधर से गुजर रहे मॉडर्न कंट्रोल रूम प्रभारी एएसपी दुर्गेश कुमार की नजर शोहदों और युवती पर पड़ी। बताया जाता है कि एएसपी कुमार फौरन अपनी कार से नीचे उतर आए और युवती को शोहदे के चंगुल से छुड़ाने की कोशिश करने लगे। इसी बीच कार में बैठे युवक ने उन पर फायर कर दिया। एएसपी कुमार इस फायरिंग में बाल-बाल बच गए। इधर, फायरिंग की आवाज सुनते ही कुछ दूर मौजूद दुकानदारों ने पुलिस को घटना की सूचना दे दी। पुलिस को आता देख तीन युवक कार पर सवार होकर मौके से फरार हो गए।

यह तीनों मामले तो महज बानगी भर हैं, रसूखदार और बदमिजाज रईसजादों की इसी तरह की करतूतें अब शहर में आम हो चलीं हैं। आलम यह है कि अक्सर ही शहर के किसी न किसी कोने में ऐसे रईसजादों की हरकतों से न सिर्फ आम लोग हलकान हो रहे हैं बल्कि पुलिस भी इनसे निपटने में खुद को बेबस पा रही है। वजीरगंज में दारोगा पर बाइक चढा देने का मामला हो या फिर सहारागंज के सामने डिप्टी एसपी के संग मारपीट, तमाम ऐसे मामले हैं जिन्हें रईसजादों ने अंजाम दिया। हालांकि इन सभी मामलों में आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने सख्त कार्रवाई की पर, इसके बावजूद ऐसी घटनाओं का होना अब भी जारी है।

पेरेंट्स बरतें सावधानी

'बच्चे तो स्वभाव से ही जिद्दी होते है और उनके इस बिहेवियर के लिए काफी हद तक पेरेट्स ही जिम्मेदार होते हैं। अक्सर जब बच्चो को स्कूल मे डांट पड़ती है तो पेरेट्स बच्चे के बजाय टीचर को ही दोष देते है। घर मे भी अगर बच्चा कुछ गलत करता है तो मां उसे छुपा लेती है जो कि गलत है। इसके अलावा पेरेट्स खुद को हाई स्टेटस का दिखाने की कोशिश मे बच्चो के गैरजरूरी महंगे शौक पूरे करने मे जुटे रहते है, जबकि पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चो की गलतियो पर उन्हे बढ़ावा न दे और सही तरीके से समझाएं.'

डॉ। हरजीत सिंह

साइकोलॉजिस्ट