LUCKNOW (17 Jan): सूबे के शहरों और कस्बों में बेतरतीब तरीके से पशुओं को काटकर बेचने का नजारा जल्द देखने को नहीं मिलेगा। कैबिनेट ने तय किया है कि नगर निगम और नगर पालिका की सीमा के भीतर अब कोई स्लॉटर हाउस नहीं खुलेगा। इसे सीमा से बाहर कर शहरों का साफ-सुथरा बनाया जाएगा। इससे पर्यावरण में सुधार भी होगा और बीमारियों से बचने में मदद मिलेगी। कोई भी व्यक्ति नियमों के मुताबिक शहर के बाहर स्लॉटर हाउस खोल सकेगा। कैबिनेट ने केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप स्लॉटर हाउस को शहर से बाहर करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।

 

अध्यादेश लाकर करेंगे बदलाव

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि नगर निगम अधिनियम 1959 और नगर पालिका अधिनियम 1916 में संशोधन करते हुए एक नये प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। तय हुआ है कि नगर निगम और नगर पालिका अब स्लॉटर हाउस को बनाने और चलाने का काम नहीं करेंगे। उनका जिम्मा केवल इन्हें नियंत्रित करना होगा। जल्द ही इसकी पूरी नियमावली आयेगी। पहले से इन इलाकों में चल रहे स्लॉटर हाउस को बंद करने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। इसके बावजूद कुछ जगहों पर ऐसी गतिविधियां हो रही हैं जिनकी शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाती है। राज्य सरकार एनजीटी की गाइडलाइन का पालन कराने को प्रतिबद्ध है। सड़क पर पशु वध नहीं होने के कानून का सख्ती से पालन कराया जाएगा। पशु वध केवल स्लाटर हाऊस के अंदर ही हो सकेगा।

 

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यूपी कैबिनेट के अन्य फैसले:


मॉडल शॉप में बेधड़क पी सकेंगे शराब

कैबिनेट ने संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910 की धारा 24 (क) में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। दरअसल सूबे में करीब 385 शराब की मॉडल शॉप हैं जहां शराब खरीदने के बाद उसे पीने की सुविधा भी होती है लेकिन इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं था। इस व्यवस्था को अदालत में चुनौती दी गयी थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। राज्य सरकार ने संशोधन के माध्यम से अब नियमों में इसे शामिल कर लिया है। मालूम हो कि मॉडल शॉप से राज्य सरकार को करीब 1300 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होता है।

 

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अंब्रेला एग्रीमेंट से तेज होगी सड़क निर्माण की रफ्तार

कैबिनेट ने सूबे में राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य मार्गों के निर्माण में गति लाने को अंब्रेला स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट को स्वीकार करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग इत्यादि की डीपीआर बनाने, निर्माण करने का कार्य तेजी से किया जा सकेगा। वहीं समय-समय पर राज्य मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्गों में परिवर्तित करने में भी आसानी होगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने निर्धारित प्रोफार्मा बनाकर भेजा है। जिससे इस बाबत प्रस्ताव सीधे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजे जा सकेंगे।

 

बंद होंगे ओबरा के ब्वायलर

कैबिनेट ने ओबरा बिजलीघर के नॉन रिहीट ब्यायलर को बंद करने का फैसला लिया है। रायबरेली के ऊंचाहार में हुए एनटीपीसी हादसे के बाद यह एहतियाती कदम उठाया गया है। 25 साल कुल आयु वाले ये ब्वायलर करीब 36 साल से चलाए जा रहे हैं। पहले इनको रिपेयर करने की तैयारी थी जिसमें करीब 130 करोड़ रुपये का खर्च आना था। सेंट्रल पावर अथॉरिटी, इनवॉयरमेंट अथॉरिटी की संस्तुति और इनर्जी टास्क फोर्स की मंजूरी के बाद इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसकी जगह वैकल्पिक व्यवस्था की जा चुकी है।

 

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रमाला चीनी मिल को 302 करोड़

बागपत की रमाला चीनी मिल की क्षमता बढ़ाने को राज्य सरकार करीब 302 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसकी क्षमता को 2700 टीसीडी से बढ़ाकर 5000 टीसीडी किया जाना है। साथ ही 25 मेगावॉट का पावर प्लांट भी लगेगा। इसका आधा पैसा सरकार लोन के रूप मे चीनी मिल को देगी जबकि बाकी उसे खुद वहन करना होगा। इससे करीब 34 हजार किसानों को सीधा फायदा होगा जबकि एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष और सात हजार को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे।

 

24 जिलों मे स्थायी लोक अदालत

कैबिनेट ने 24 जिलों में स्थायी लोक अदालत बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया है। यह कवायद तीसरे चरण के तहत की गयी है। मालूम हो कि पहले चरण में 23 और दूसरे चरण में 24 जिलों में स्थायी लोक अदालतों को गठन किया गया था जहां पर अब तक 16,166 केसेज को निस्तारित किया जा चुका है।

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