-एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज घर से करते थे काम

-आठ महीने से पूरी तरह सूना पड़ा था जिले का पुलिस ऑफिस

-शलभ माथूर के आने से फिर बढ़ेगी पुलिस ऑफिस की रौनक

GORAKHPUR: गोरखपुर में नए एसएसपी शलभ माथूर के आने से एक बार फिर कलेक्ट्रेट स्थित पुलिस ऑफिस की रौनक लौट आएगी। हर रोज सुबह फिर से यहां पुलिस के आला अधिकारी अपने-अपने दफ्तरों में बैठे नजर आएंगे। वहीं, सुबह से यहां एक बार फिर अब फरियादियों का लंबा रेला देखने को भी मिलेगा। इसे लेकर सोमवार को पुलिस विभाग में तैयारियां जोरों पर रही। यहां तैनात पुलिसकर्मी भी पूरी तरह से सक्रिय हैं। साथ ही एसएसपी ऑफिस से लेकर शिकायत प्रकोष्ठ तक में एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है। इसे लेकर यहां तैनात पुलिस कर्मियों की महीनों से चली आ रही मौज-मस्ती अब पूरी तरह खत्म हो गई। वहीं, अब पुलिस ऑफिस में तैनात कर्मियों की टेंशन भी बढ़ गई।

पुलिस ऑफिस में नहीं बैठते थे पूर्व एसएसपी

दरअसल, गोरखपुर जिले के पूर्व एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज पुलिस ऑफिस में नहीं बैठते थे। बल्कि वह अपने कैंप कार्यालय से ही देर रात तक जिले के कानून व्यवस्था की निगरानी करते थे। ऐसे में पुलिस ऑफिस में कम बैठने से यहां बैठने वाले अन्य अधिकारी भी काफी निश्चिंत रहते थे। कप्तान के न होने से बाकी अधिकारियों का बैठना भी कम ही होता था। ऐसे में अधिकारियों को अपनी फरियाद लेकर उनके कैंप कार्यालय जाना होता था। हालांकि कई बार जानकारी के अभाव में फरियादी निराश होकर वापस भी लौट जाते रहे। लेकिन नए कप्तान के आने के बाद अब ऐसा नहीं होगा। सोमवार को पूरे दिन पुलिस विभाग में यह चर्चा रही कि मंगलवार से ही पुलिस ऑफिस की रौनक एक बार फिर लौट आएगी।

घर से ही पूरे जिले पर रहती थी नजर

हालांकि ऐसा नहीं है कि पूर्व एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज के दफ्तर में न बैठने से जिले की कानून व्यवस्था या अपराधियों के खिलाफ लगाम लगाने में पुलिस कहीं पीछे रहती थी, बल्कि वे घर बैठे ही आधी रात तक पूरे जिले की निगाहबानी करते रहे। पूर्व एसएसपी के सोशल मीडिया पर बेहद एक्टीव होने की वजह से पुलिस कर्मियों को भी इसके लिए एक्टीव होना पड़ा। यही वजह है कि अपने आठ महीने के कार्यकाल के दौरान उन्होंने गोरखपुर से दर्जनों माफिया को जिला छोड़ने पर मजबूर कर दिया। वहीं, करीब 4000 बदमाशों को सलाखों के पीछे जाना पड़ा।