- टूर पैकेज की बुकिंग पर पड़ा 70 प्रतिशत असर।
- कम हो गई है टूर की डिमांड, पिछले साल हुई थी काफी बुकिंग।
Meerut- नोटबंदी ने क्रिसमस और नए साल के जश्न को फीका कर दिया है। अधिकतर लोग दिसम्बर के लास्ट वीक व जनवरी के फर्स्ट वीक में बाहर जाने का प्लान बनाते हैं। लेकिन इस बार नोटबंदी के चलते ये प्लान फेल हो गया है। इसका सीधा असर टूर और ट्रैवेल इंडस्ट्री पर पड़ा है। दिसम्बर और जनवरी में विदेशी टूर पैकेज बुकिंग में पिछले साल के मुकाबले 50 से 75 प्रतिशत की गिरावट आई है।
कमाई के सीजन में एजेंट परेशान
टूर ऐंड ट्रैवेल बिजनेस से जुड़े सुनील ने बताया कि साल के आखिर में हर ट्रैवेल एजेंट 50 से 100 बुकिंग कर लेता था, लेकिन इस बार कई एजेंट के पास 10 बुकिंग भी नहीं है।
70 प्रतिशत पर्यटक घटे
सिर्फ मेरठ से हर साल करीब एक लाख से अधिक लोग घूमने के लिए बाहर जाते हैं। नोटबंदी के बाद यह आंकड़ा 30 हजार भी नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में पर्यटकों के आंकड़ों में 70 प्रतिशत से भी अधिक की कमी आई है।
बिजनेस पड़ा असर
अभी तक फिलहाल टै्रवल वालों का बिजनेस काफी स्लो चल रहा है। उनके अनुसार नोटबंदी ने विदेश जाने वालों की हसरतों पर पानी फेरा है। विदेश टूर पैकेज की बुकिंग में 75 प्रतिशत तक गिरावट आई है।
बुकिंग हुई कैंसल
यूपी ट्रेड ऐंड ट्रैवेल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक सिंह ने बताया कि लग्जरी टूर पैकेज में 50 प्रतिशत खर्च कैश मॉड्यूल में होते हैं। वह पूरी तरह खत्म हो गया। लोग कैश खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं। एक मनोवैज्ञानिक दबाव भी है कि बाहर कोई दिक्कत न हो जाए। विवेक के मुताबिक, अक्टूबर से पहले बुकिंग हुई 50 प्रतिशत बुकिंग भी कैंसल हो चुकी हैं।
क्या कहती है टै्रवल एजेंसी
टूर पैकेज में इस बार काफी कमी आई है। पिछले साल की तुलना में इस बार 60 प्रतिशत से अधिक कमी आई है। जबकि पिछली बार दिसम्बर व जनवरी की सबसे अधिक बुकिंग हुई थी।
सुमित विज, प्रबंधक, इलिट टै्रवल्स एजेंसी
इस बार तो बुकिंग केवल 20 प्रतिशत ही रह गई है। स्वैप कार्ड वाले हीे बुकिंग कर रहे हैं, लेकिन उनकी भी बुकिंग कम हैं।
अतुल गुप्ता, प्रबंधक, काबेरी हॉलीडे प्राइवेट लिमिटेड
इस बार विदेशी टूर तो मानों न के बराबर ही बुक हुए हैं। इसके अलावा वैसे भी पैकेज की बुकिंग में 60 प्रतिशत कमी आई है, बिजनेस मंदा है।
सुनीता गर्ग, क्वीक टै्रवल एजेंसी
पिछली बार दिसम्बर व जनवरी के लिए 100 से अधिक बुकिंग हो गई थी। लेकिन इस बार तो अभी 20 बुकिंग भी मुश्किल से हो पाई है, विदेश की तो हुई ही नहीं है।
सतवीर, बालाजी टैवल्स
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फिर गया पानी
इस बार न्यू ईयर बाहर बनाने की सोची थी। लेकिन नोटबंदी के चलते पैसों की कमी है, ऐसे में सारा प्लान चौपट हो गया है।
सोनू,
इस बार कोई प्लान नहीं है। हर साल मैं अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर जाकर न्यू ईयर सेलीब्रेट करता हूं।
नितिश
पहले सोचा था, इस साल बैंकॉक जाएंगे। लेकिन नोटबंदी होने के बाद से ही प्लान फेल हो गया।
इशांक