- सिटी के चिलमापुर की सड़क में सामने आया घटिया निर्माण का मामला, आधा बनने के बाद टूट गई

GORAKHPUR:

नगर निगम अपने घटिया काम के लिए शहर में पहचान बना चुका है। कोई भी काम हो, उसमें सरेआम गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसा ही कुछ नजारा चिलमापुर रोड पर देखने को मिल जाएगा। जून से रोड कंस्ट्रक्शन का वर्क स्टार्ट हुआ। आधी सड़क बनाने में लगभग 89 लाख रुपए लगा दिए गए, लेकिन उसकी हालत देखकर यह साफ नजर आने लगा है कि यह 89 लाख रुपए डूब चुके हैं। आधी बनी हुई रोड जगह-जगह टूटने लगी है। हालत यह है कि इसमें चार-चार इंच के गड्ढे बन चुके हैं। वहीं नाले की दीवार भी टूट चुकी है। अब लोगों को डर सताने लगा है कि एक मंथ में रोड का यह हाल हो चुका है, तो यह रोड कितना साथ निभाएगी, यह एक बड़ा सवाल है।

जून में बनी अगस्त में टूट गई

पिछले साल नगर निगम को अवस्थापना निधि से 89 लाख रुपए की लागत से चिलमापुर रोड की स्वीकृति मिली। फरवरी 2015 में पुरानी रोड को उखाड़कर मई से इसका दोबारा निर्माण शुरू किया गया। 22 जून की रात रोड पर अंतिम लेयर बिछाई गई थी। अभी यह रोड लगभग 1.5 किमी तक बनी है और 2.5 किमी सड़क पर बड़ी गिट्टी बिछाकर छोड़ दी गई है। अगस्त के पहले सप्ताह में ही रोड टूटने लगी है। स्थानीय पार्षद संजय सिंह का कहना है कि रोड धंसने की सूचना पब्लिक ने दी थी। मौके पर जाकर देखा और ठेकेदार से बात की तो पता चला कि एक डंपर आया था, जिससे यह रोड धंसी है।

20 हजार लोगों को परेशानी

चिलमापुर से भरवलिया बुजुर्ग तक कुल चार किमी लंबी सड़क है। इस सड़क का लगभग तीन किमी हिस्सा नगर निगम एक किमी भरवलिया बुजुर्ग गांव में पड़ता है। 2012 से यह रोड टूटी गई, लेकिन रोड निर्माण का कार्य 2015 में शुरू हुआ। रोड टूटी होने के कारण यहां से गुजरने वाले डेली करीब 20 हजार से ज्यादा लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

आश्वासन पर आश्वासन

इस रोड के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का पुतला फूंका जा चुका है। रोड बनने के पहले ही दिन रोड पर सपा जिलाध्यक्ष के भाई से और स्थानीय नागरिकों से बवाल हो गया। इसी रोड के निर्माण के लिए हुदहुद के दौरान हुई बारिश के दूसरे दिन पब्लिक ने जेई को दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। इसके बाद नवंबर 2014 तक रोड नहीं बनी तो स्थानीय भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने आजाद चौक पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। तीन दिन के प्रदर्शन के बाद एक बार फिर नगर निगम अफसर आश्वासन दिया। यही नहीं शहर में हल्की बारिश होते ही यह रोड जलमग्न हो जाती है, इससे भी काफी परेशानी होती है।

नगर निगम के चीफ इंजीनियर को रोड टूटने की जानकारी दे दी गई है। नगर आयुक्त को लिखित कंप्लेन कर निर्माण की जांच कराने की मांग की जाएगी और अगर एक सप्ताह के अंदर रोड की मरम्मत नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

संजय सिंह, पार्षद रुस्तमपुर

ठेकेदार को रोड टूटने की जानकारी दे दी गई है और रोड टूटने का स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि अब अगर रोड टूटने की कंप्लेन मिली तो ठेकेदार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

कालीप्रसाद, जेई नगर निगम