GORAKHPUR: एनईआर का रेलवे हेडक्वार्टर इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। जीएम ऑफिस के ठीक बगल में रेलवे के आउट हाउस में जिस्मफरोशी का धंधा जोरों पर चल रहा है। फिर भी अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा। जबकि, इसकी जानकारी अधिकारियों से लेकर आरपीएफ तक को है। बावजूद इसके कार्रवाई के नाम पर महीनों से पत्राचार हो रहा है। आरपीएफ के आईपीएफ-सीसीई सुरेश कुमार भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि आउट हाउस में सेक्स रैकेट चल रहा है। आरपीएफ के आाईजी राजाराम ने भी बताया है कि इसको लेकर कई बार रेलवे प्रशासन को पत्र लिख सूचित किया गया है। सूत्रों के अनुसार, आरपीएफ ने छापेमारी कर ठोस सबूत भी जुटाया और रेल प्रशासन को अवगत भी कराया है.

 

ऊपर तक है पकड़, सबूत भी काम नहीं आया

रेलवे जीएम ऑफिस के ठीक बगल में रेल म्यूजियम और जीएम ऑफिस गेट के बीच में यह आउट हाउस है, जो रेलवे के 351 नंबर बंगले से अटैच है। बीते दिनों आरपीएफ को सूचना मिली कि आउट हाउस में जिस्मफरोशी का धंधा चला रहा है। इस पर टीम ने छापेमारी कर कई अहम सबूत इक्कठा किए और रेलवे अधिकारियों को अवगत कराया। इसके लिए आरपीएफ की ओर से डिप्टी चीफ इंजीनियर को पत्र लिखकर इसे पुलिस की मदद से खाली कराने के संदर्भ में जानकारी भी दी है। लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी इसे खाली कराना तो दूर आरपीएफ के पत्र पर जवाब तक नहीं आया.

 

खराब हो रही रेलवे की छवि

2008 में भी गोरखपुर रेलवे ऑफिस सेक्स स्कैंडल को लेकर काफी चर्चा में रहा था। उस समय रेलवे के कुछ अधिकारी इस मामले में पकड़े भी गए थे। ऐसे में इसे लेकर आरपीएफ अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है कि कहीं इससे एक बार फिर रेलवे की छवि पर बुरा असर न पड़े। हालांकि रेलवे आईओडब्ल्यू मनोज कुमार ने बताया कि यह आउट हाउस 351 नंबर बंगला से अटैच है। उसमें रहने वाले अधिकारियों के सहयोगी कर्मचारी ही इस आउट हाउस में रहते हैं। मनोज के मुताबिक, 351 नंबर का रेलवे बंगला विनोद कुमार के नाम अलाट है.

 

पत्र के जवाब का इंतजार कर रही आरपीएफ

आरपीएफ के आईपीएफ-सीसीई सुरेश कुमार ने भी स्वीकार किया है कि आउट हाउस में कुछ अनैतिक चल रहा है। इसको लेकर संबंधित अफसरों को लगातार पत्र लिखा जा रहा है। लेकिन महीनों से हो रहे इस पत्राचार पर आउट हाउस खाली कराना तो दूर अधिकारियों की ओर से इसका जवाब भी नहीं दिया गया.

 

इंजीनियरिंग व कॉलेज की आती हैं लड़कियां

छापेमारी करने गई टीम के मुताबिक, यहां रहने वाली एक दबंग महिला जिस्मफरोशी का काम कराती है। इसके लिए शहर के विभिन्न एरियाज से इंजीनियरिंग व विभिन्न कॉलेजों की लड़कियों के अलावा कूड़ाघाट व सुबाबाजार से कुछ महिलाएं आती हैं, जो इस धंधे से जुड़ी हैं। छापेमारी के दौरान आउट हाउस में बिजली मीटर नहीं होने पर आरपीएफ ने लाइट भी कटवा दी थी, लेकिन दबंग महिला ने फिर जुगाड़ लगाकर लाइट भी लगवा लिया.

 

 

आउट हाउस में कुछ गलत काम होने की सूचना मिली थी। इसकी जांच कराने के बाद इसे खाली कराने के लिए रेलवे प्रशासन को लगातार पत्र लिखा गया है। रेलवे प्रशासन की सहमति के बाद पुलिस की मदद से इसे खाली कराया जाएगा।

राजाराम, आईजी आरपीएफ

 

 

इस मामले की जानकारी है। जांच में पता चला कि उसमें रहने वाले लोग अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं। आउट हाउस को तीन दिनों के अंदर खाली करने का आदेश दे दिया गया है। जल्द खाली करा दिया जाएगा।

रविंद्र मेहरा, डिप्टी चीफ इंजीनियर, एनईआर