फाइल बाहर निकालने की सभी प्रक्रिया सीसीटीवी की निगरानी में हुई

क्त्रष्ठक्त्रन्क्कक्त्र: मुआवजा घोटाले की जांच एक बार फिर से शुरू हो गई है। सीसीटीवी की निगरानी में मुआवजा घोटाले की फाइलें निकली गई। एनएच-74 भूमि अधिग्रहण घोटाले के सामने आने के बाद मूल दस्तावेजों के साथ हो रही छेड़छाड़ को देखते हुए दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए तत्कालीन कुमाऊं आयुक्त डी सेंथिल पांडियन ने कोषागार स्थित डबल लॉक में रखवा दिया था। इस कार्रवाई से प्रभावित हो रहे प्रशासनिक कार्य को देखते हुए इसे फिर से बाहर निकालने की कार्रवाई की गई। डबल लॉक खोलने के लिए बनाई कमेटी में शामिल एसएलएओ एनएस नाबियाल, सीओ यातायात महेश चंद्र बेंजोला, सहायक कोषाधिकारी बाल कृष्ण उप्रेती की देखरेख में डबल लॉक खोल उसमें से दस्तावेज निकालने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। पूरी कार्रवाई करने से पूर्व अधिकारियों द्वारा फोटो स्टेट के लिए लगाए गए छह कर्मचारियों को ब्रीफ किया गया। उनको बताए गए फॉरमेट के आधार पर ही कार्य करने की कड़ी हिदायत दी गई।

पहले दिन स्कैन करने की कार्रवाई

डबल लॉक से फाइलों को निकालने के बाद उनको स्कैन करने का काम किया गया। पहले दिन लगभग 25 फाइलों को स्कैन किया गया।

कब-कब क्या हुआ

01 मार्च - कुमाऊं आयुक्त द्वारा प्रेस वार्ता में घोटाला हुआ सार्वजनिक।

10 मार्च - एडीएम प्रताप शाह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज।

15 मार्च - एनएच भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच एसआईटी के हवाले।

21 मार्च - जसपुर के पूर्व पेशकार के खिलाफ एफआईआर।

21 मार्च - मूल दस्तावेज डबल लॉक में रखने के आदेश।

22 मार्च - भूमि अध्यापित अधिकारी के कार्यालय पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे।

25 मार्च - सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की कैबिनेट की बैठक के बाद सीबीआई जांच की घोषणा।

25 मार्च - सीएम ने चार पूर्व उप जिलाधिकारी व दो पूर्व भूमि अध्यापित अधिकारियों को निलंबित कराने के आदेश दिए।

डबल लॉक से निकाली गई फाइलों को स्कैन किया गया है। काम के रुटीन में आने के बाद इसमें गति आएगी। फाइलों को स्कैन करने के बाद फोटो कॉपी की जाएगी।

- एनएस नाबियाल, एसएलएओ