- मेडिकल कॉलेज बवाल में मानवाधिकारों के हनन की जांच करने पहुंची एनएचआरसी की टीम

- आईपीएस और डीएसपी की दो सदस्यीय टीम ने मेडिकल कॉलेज और जेल पहुंच कर की छानबीन

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KANPUR: मेडिकल कॉलेज बवाल मामले में पुलिस की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। एडीजी, एसआईटी और न्यायिक आयोग के बाद अब मेडिकल कॉलेज बवाल की जांच मानवाधिकार आयोग ने भी शुरू कर दी है। सोमवार को आईपीएस और डीएसपी रैंक के अधिकारियों की दो सदस्यीय जांच टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची और जांच शुरू की। यह टीम मेडिकल कॉलेज के अंदर पुलिस बर्बर कार्रवाई में मेडिकल स्टूडेंट्स के मानवाधिकारों के हनन होने की जांच करेगी। ऐसे में घटना में शामिल रहे पुलिस वालों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं।

प्रिंसिपल ने भेजी थी केंद्र सरकार को रिपोर्ट

दरअसल मेडिकल कॉलेज में पुलिस कार्रवाई और मेडिकल स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर्स की स्ट्राइक हुई थी। इस दौरान प्रिंसिपल की ओर से इसकी रिपोर्ट शासन और केंद्र सरकार को भी भेजी गई थी। इसके अलावा हड़ताली डॉक्टरों की ओर से भी पुलिसिया बर्बरता की शिकायत मानवाधिकार आयोग से की गई थी। जिसका संज्ञान लेते हुए आयोग ने दिल्ली से मंडे को जांच टीम भेजी।

जेल पहुंच कर खंगाले कागजात

एनएचआरसी की यह टीम मेडिकल कॉलेज जाने से पहले जिला जेल पहुंची। वहां पर टीम ने गिरफ्तार किए गए मेडिकल स्टूडेंट्स के जेल में दाखिले की टाइमिंग, मेडिकल रिपोर्ट आदि की पड़ताल की। उन्होंने जेल अधीक्षक से भी इस मसले पर बातचीत कर मेडिकल स्टूडेंट्स की स्थिति के बारे में जाना।

प्रिंसिपल के बयान लिए, बाकी के आज होगे बयान

एनएचआरसी के टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची जहां पर उन्होंने पहले तो पूरे घटनाक्रम को समझा। उसके बाद प्रिंसिपल डॉ। नवनीत कुमार से उस रिपोर्ट की कॉपी ली, जो उन्होंने केंद्र को भेजी थी। इसके बाद टीम के सदस्य आईपीएस संजय जैन ने डॉ। नवनीत कुमार के बयान लिए। यह टीम ट्यूजडे को घायल मेडिकल स्टूडेंट्स के बयान भी लेगी। इसके बाद साथ ही पुलिस का पक्ष भी जानेगी।

हाईकोर्ट में सुनवाई टली

मेडिकल कॉलेज बवाल की मंडे को हाईकोर्ट में सुनवाई थी जिसमें जांच आयोग चेयरमैन जस्टिस आरएम चौहान भी पहुंचे। शासन की तरफ से महाअधिवक्ता वीसी मिश्रा पेश हुए वहीं डॉक्टर्स की तरफ से एडवोकेट कालिया और प्रो.डॉ। आरपी शर्मा भी पेश हुए थे। लेकिन कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है।