छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : अब इलाज के अभाव में नौनिहाल दम नहीं तोड़ेंगे। न ही उन्हें गंभीर हालत में लेकर पैरेंट्स को नर्सिगहोम की चौखट के चक्कर काटने पड़ेंगे। क्योंकि महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) हॉस्पिटल में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार हुआ न्यू बार्न इंटेसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) और पीडियाट्रिक्स इंटेसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) स्टार्ट हो चुका है। जहां क्रिटिकल डिजीज में नौनिहाल और नवजातों को फ्री इलाज मिल रहा है।

अब तक 85 नवजात एडमिट

हॉस्पिटल में एनआईसीयू और पीआईसीयू स्टार्ट होने के बाद एमजीएम में पैदा हो रहे नवजातों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है। न ही उनके पैरेंट्स को ऐसी कंडीशन में अपने खेत या जमीन बेचनी पड़ रही है। क्योंकि हॉस्पिटल में ही अब नवजातों को इलाज फ्री में हो रहा है। अब तक एनआईसीयू और पीआईसीयू में 85 नवजातों को एडमिट किया जा चुका है। इससे पहले इलाज की सुविधा नहीं होने के कारण गंभीर अवस्था में नवजातों को निजी अस्पतालों में रेफर करना मजबूरी होता था। हालांकि इसमें अधिकांश लोग आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह निजी अस्पताल जाने में असमर्थ होते थे। इस दौरान कितने बच्चों को सही समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौत भी हो चुकी है। मगर अब सरकारी अस्पताल में यह सुविधा शूरू होने से शिशु मृत्यु दर में कमी जरूर आएगी।

एनआईसीयू में नवजातों की पूरी सुरक्षा

एनआईसीयू नवजात की सुरक्षा को लेकर तमाम सुविधाओं से लैस है। इसमें एक साथ 12 नवजात के इलाज की व्यवस्था है। यह पूरी तरह से एयरकंडीशन है और इसमें 24 घंटे पीडियाट्रिशन और ट्रेंड नर्स मौजूद रहती हैं। ताकि नवजात की देखभाल सही ढंग से हो सके। नवजात को रखने के लिए इनक्यूवेटर की सुविधा है। इसमें नवजात को रखने पर ठीक प्रकार से सांस लेने, शरीर में पर्याप्त गर्मी मिलने और नवजात की नब्ज, धड़कन आदि की मशीन द्वारा डॉक्टर्स को जानकारी मिलती रहेगी। जिससे कि डॉक्टर्स सही समय पर नवजात का जरूरी इलाज कर पाऐंगे।

क्या है पीआइसीयू यूनिट

पीडियाट्रिक्स इंटेसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में तीन से पंद्रह साल के बच्चों को एडमिट किया जाता है। इसमें दो तरह की विंग होती है, एक सर्जरी से संबंधित, दूसरी मेडिसिन से संबंधित। यूनिट में इमरजेंसी चेकअप से जुड़े सभी संसाधन मौजूद रहते हैं। इनमें वेंटीलेटर, आक्सीजन जैसी जीवन रक्षक मशीनें शामिल होती है। इसके अलावा स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की पूरी टीम की तैनाती होती है। जिससे मरीजों को उचित एवं ठीक से उपचार मिल सके।

वर्जन-

हॉस्पिटल में एनआईसीयू व पीआईसीयू यूनिट को शुरू कर दिया गया है। हालांकि इसमें और सुविधाएं बढ़ायी जानी है। इमरजेंसी विभाग को भी अत्याधुनिक बनाने की तैयारी है।

डॉ। आरवाई चौधरी, सुपरिटेंडेंट, एमजीएम