RANCHI: बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद निक्की शर्मा व उसके तीन सहयोगियों को डोरंडा डकैती कांड में सात साल की सजा सुनाई गई है। इनमें आशीष लोहरा समेत एक अन्य शामिल है। वहीं, एक अपराधी संतोष सोनी को दो साल की सजा सुनाई गई है। वहीं, डकैती में संलिप्त महिला शांति देवी को सजा नहीं मिल पाई है, क्योंकि सजा सुनाने के वक्त वह कोर्ट से फरार थी। डोरंडा का यह डकैती कांड ख्009 का है। निक्की शर्मा और उसके गिरोह ने डकैती को अंजाम दिया था। कांड संख्या-फ्8क्/09 दर्ज किया गया था।

जेल से हत्या की साजिश

गौरतलब हो कि हाल ही में जेल में बंद अपराधी निक्की शर्मा ने जेल से ही दवा के एक थोक व्यवसायी की हत्या कर लूटपाट की योजना तैयार की थी। रांची पुलिस ने योजना में शामिल निक्की शर्मा के भाई बिट्टू शर्मा, अरविंद लोहरा, दानिश खान, आकाश बड़ाईक व सुमित लिंडा को पकड़ा था। जेल में बंद निक्की शर्मा से भी पुलिस ने पूछताछ की थी। उसने अपनी संलिप्तता भी स्वीकार की थी।

ऐसे पकड़ाए थे अपराधी

सूचना यह थी कि कुछ अपराधी बिरसा मुंडा जेल के समीप जुटने वाले हैं। ये लोग जेल में बंद निक्की शर्मा के निर्देश पर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके बाद छापामारी कर स्कूटी सवार पांच लोगों को सोमवार को खेलगांव स्थित राम दयाल मुंडा कला केंद्र के मुख्य गेट के पास से गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से हथियार व गोली सहित कई सामान मिले। अपराधियों ने बताया कि जेल में बंद निक्की शर्मा ने अपने भाई बिट्टू शर्मा को एक व्यवसायी को लूटने की योजना बनाने को कहा था। व्यवसायी कोतवाली थाना क्षेत्र के लालजी- हिरजी रोड में दवा के थोक विक्रेता हैं। उसके पास पूर्व में बिट्टू शर्मा काम कर चुका है। व्यवसायी बैंक में कब और कितने रुपए जमा कराने जाता है। इसकी जानकारी बिट्टू शर्मा के पास पहले से थी। लूट व हत्या के उद्देश्य से बिट्टू शर्मा अपने सहयोगियों को साथ लेकर बिरसा मुंडा जेल के पास पहुंचा था। निक्की शर्मा के कहने पर ही बिट्टू शर्मा सहयोगियों के साथ मिल कर एक अगस्त को थड़पखना इलाके में व्यवसायी को गोली मार कर रुपए लूटने वाला था, लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।