नौ साल के बच्चे ने उड़ाया जैगुआर

बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले नौ साल के बच्चे चंदन को तीन साल पहले बिहार से दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था. दरअसल चंदन हड्डियों के कैंसर से जूझ रहा है. इसके चलते चंदन अब तक 20 बार कीमो थेरेपी कराने के कष्ट से होकर गुजर चुका है. लेकिन इतने कष्टों के बाद भी चंदन बड़ा होकर फाइटर पायलट बनने का सपना नही भूल पाता है. पिछले तीन सालों में चंदन जब भी दिल्ली के आसमान में यात्री विमानों और फाइटर जेट्स को उड़ता देखता तो उसकी आंखों में पायलट बनने का सपना चमक उठता था. यह देखकर चंदन के माता-पिता और एक एनजीओ ने उसके सपने को सच करने की कोशिश की.

पूरा हो गया चंदन का सपना

भारतीय वायुसेना को जब चंदन के सपने के बारे में उसके माता-पिता द्वारा भेजे गए पत्र से पता चला तो वायुसेना ने चंदन की ख्वाहिश पूरी करने में देर नही लगाई. इसके बाद वायुसेना ने चंदन को उसके जन्मदिन यानि 13 नवंबर को जगुआर उड़ाने का मौका दिया. इस मौके पर इस नौ साल के बच्चे ने विमान को उड़ाने के साथ ही यान से जुड़ी बारीकियों को भी जाना. वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि जगुआर की कॉकपिट पर बैठकर चंदन काफी खुश था. इसके साथ ही चंदन ने कहा कि उसका सपना सच हो गया और वह औपचारिक तौर पर पायलट बन गया. इसके बाद चंदन को सेना के म्यूजियम को भी देखने का मौका मिला.

उदय फाउंडेशन ने की मदद

चंदन की फाइटर पायलट बनने की इच्छा देखते हुए चंदन के माता-पिता ने अपने बेटे की इस ख्वाहिश को एक पत्र के माध्यम से वायुसेना तक पहुंचाया. इस काम में उदय फाउंडेशन ने चंदन के परिवार की काफी मदद की. इस बारे में उदय फाउंडेशन के संचालक राहुल वर्मा ने बताया कि चंदन अपनी ख्वाहिश पूरी करके काफी खुश है. उन्होंने बताया कि हम चंदन से एक सर्द रात में मिले थे जब हम लोगों को कंबल बांट रहे थे. लेकिन जब हमने चंदन से बातें की तो उसने हमें अपनी बीमारी से ज्यादा अपनी ख्वाहिश के बारे में बताया.

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