- बिना जांच के कॉपियां कबाड़ी की दुकान पर मिलने के मामले पर हुई कार्रवाई

- तीन साल तक किसी भी एग्जाम में काम करने से लगाई गई रोक

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी यूपीटीयू ने बीबीडी एनआईआईटी में गलत तरीके से स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल लेने के मामले में क्9 टीचर्स को डिबार कर दिया है। यूपीटीयू ने इन सभी टीचर्स को अगले तीन साल तक अपने किसी भी एग्जाम व प्रशासनिक कार्य में शामिल होने पर पाबंदी लगा दी है। यूपीटीयू की ओर से डिबार किए गए टीचर्स में क्ब् टीचर बीबीडी ग्रुप के है।

बिना जाचं मिली थी कबाड़ी की दुकान पर कॉपियां

ख्ख् फरवरी को चिनहट तिराहे के पास कबाड़ी की दुकान पर यूपीटीयू के सेमेस्टर एग्जाम के प्रैक्टिकल की कॉपियां पाई गई थी। मामले की जांच होने पर यूपीटीयू का कहना था कि यह कॉपियां बीबीडी एनआईआईटी को आवंटित होने की जानकारी दी थी। इनमें से एक भी कॉपी जांची नहीं गई थी, यह गड़बड़ी पकड़े जाने पर यूनिवर्सिटी ने कॉलेज की सभी प्रैक्टिकल एग्जाम को रद् कर दिया था। वहीं कॉलेज को भी यूनिवर्सिटी की गतिविधियों से डिबार कर दिया था।

फर्जी तरीके से चढ़ाए गए थे प्रैक्टिकल के नंबर

यूनिवर्सिटी के नियमों के तहत स्टूडेंट्स के मा‌र्क्स फैकल्टी आईडी के जरिए ऑनलाइन चढ़ाए जाते हैं। इसके लिए कॉपियों का मूल्यांकन करना जरूरी है। कॉलेज अधिकारियों ने मिलीभगत कर बिना कॉपियों का मूल्यांकन किए ही स्टूडेंट्स को अपने मन मुताबिक फर्जी तरीके से ऑनलाइन मा‌र्क्स चढ़ा दिए थे। इतना ही नहीं गलत तरीके से अपने ही ग्रुप के शिक्षकों को एग्जामिनर भी बनाया गया था।

यूनिवर्सिटी की जांच में क्9 टीचर्स को एग्जाम में लापरवाही बरतने का दोषी पाए गए हैं। इन टीचर्स ने यूनिवर्सिटी के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। इसलिए जांच समिति ने टीचर्स को तीन साल के लिए डिबार करने की संस्तुति की थी। जिसके बाद इन सभी टीचर्स को डिबार कर दिया गया है।

प्रो। बीएन मिश्रा, एग्जाम कंट्रोलर, यूपीटीयू