क्या है जानकारी
जानकारी है कि इस दौरान 2008 से 2012 के बीच बनी गाड़ियों को ही रिकॉल किया जाएगा. इनमें सुरक्षा के नजरिए से ड्राइविंग सीट पर Takata के सेफ़टी एअर बैग्स की सुविधा दी जाएगी. बताया जा रहा है कि इस योजना को लेकर निसान की ओर से जल्द ही ग्राहकों को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. वहीं निसान के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके अंतर्गत निसान डीलर्स की ओर से गाड़ी में ड्राइवर एअर बैग्स को फ्री ऑफ कॉस्ट बदला जाएगा. इसके एवज में कस्टमर्स से लेबर या पाट़र्स के नाम पर पैसे नहीं लिए जाएंगे.  

किन मॉडल्स को किया जाएगा रिकॉल
कंपनी का कहना है कि निसान की इस योजना के अंतर्गत 2,60,000 इकाइयों के माध्यम से कंपनी के March/Micra, Sunny/Almera/Versa, Patrol and Cube मॉडल्स को रिकॉल किया जाएगा. गौरतलब है कि कंपनी के इन सभी मॉडल्स में डिफेक्टिव ड्राइवर एअरबैग्स की प्रॉब्लम है.

इससे पहले कहां से शुरू हुई रिकॉल की प्रथा
जुलाई 2012 में भारत में ऑटो उद्योग की बॉडी SIAM ने स्वैच्छिक वाहनों को रिकॉल करना शुरू किया था. तब से अब तक मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टोयोटा, फोर्ड, होंडा और जनरल मोटर्स सहित कई निर्माताओं ने करीब सात लाख गाडि़यों को मेन्युफैक्चरिंग के लिए वापस बुलाना शुरू कर दिया. पिछले महीने मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने 2010 से 2013 के बीच के डिजायर, स्विफ्ट और रिट्ज मॉडल की 69,555 गाडि़यों को wiring harness fitment के लिए रिकॉल करवाने की घोषणा की. इससे पहले इसी साल अप्रैल में मारुति सुजुकी ने भारत में Ertiga, स्विफ्ट और डिजायर की 12 नवंबर 2013 से 4 फरवरी 2014 के बीच के बने मॉडल्स की 1,03,311 इकाइयों को कुछ तकनीकी गड़बडि़यों के कारण रिकॉल करवाया. पिछले साल जनरल मोटर्स इंडिया ने अपने मल्टी युटीलिटी व्हिकल टवेरा की 1,10,000 इकाइयों को कुछ स्पेसिफिकेशन इश्यू के कारण रिकॉल कराया था.

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