PATNA(27July): सीएम नीतीश कुमार ने हेल्थ के मामले में कई ऐसी सफलताओं का उल्लेख किया है, जिसे लेकर ताजा बहस छिड़ गई है। यह बात जरूर है कि यहां इंस्टीट्यूशनल डिलेवरी और बच्चों के टीकाकरण में बिहार की स्थिति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। लेकिन बात तब इसके मैनपावर और इसकी स्थिति पर करें तो कई बातें सही नहीं है। बिहार राज्य चिकित्सा सेवा संघ के महासचिव डॉ रंजीत कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कई काम अधूरा है, जिसे पूर्ण बताया गया है।

'ख्भ् साल में एक हजार भी स्थायी नियुक्ति नहीं '

ख्भ् साल में एक हजार भी स्थायी नियुक्ति नहीं। यह बात कहा भासा के महासचिव डॉ रंजीत कुमार ने। उन्होंने रिपोर्ट कार्ड जारी होने के बाद बताया कि क्997 में करीब फ्00 लोगों की बहाली की गई थी। इसके बाद करीब क्भ्0 डॉक्टरों के विभिन्न पदों को भरा गया। लेकिन इसमें ख्0क्0-क्भ् की अवधि में चिकित्सा शिक्षा संवर्ग में ख्क्9क् पदों पर डाक्टरों की बहाली की गई है। यह सच नहीं है। अगर डॉक्टरों के पदों को भरा गया है तो इसमें प्राय: कांट्रेक्ट के ही डॉक्टर हैं।

डॉक्टरों की मांगों का जिक्र नहीं

भासा की ओर से जारी रिलीज में बताया गया है कि रिपोर्ट में नए डॉक्टरों की नियुक्ति, मेडिकल प्रोफेशन को आकर्षक बनाने और छठे वेतन आयोग के आबजर्वेशन में डाइनेमिक एसीपी के चौथे स्तर का कोई उल्लेख नहीं है। डॉ रंजीत ने कहा कि अगर इन बातों को पूरा नहीं किया जाता है तो डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र सीमा म्भ् से बढ़ाकर म्7 करने का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।

बाक्स आइटम

ये कहा है रिपोर्ट कार्ड में

-सभी हेल्थ सेंटर को प्राथमिक स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए चौबीसों घंटे की व्यवस्था

-सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त दवा, जांच, डिलेवरी की सुविधा, ख्ब् घंटे बिजली के लिए जेनरेटर आदि की व्यवस्था

- वर्ष ख्00भ् में पीएचसी में प्रति माह औसत फ्9 रोगी का रजिस्ट्रेशन ख्0क्ब्-क्भ् में लगभग क्क्000 तक पहुंच गई

- ख्00भ् में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार म्क् था जो ख्0क्ब् में घटकर ब्ख् हो गया है

- राज्य में सघन टीकाकरण कार्यक्रम चलाया गया, वर्तमान में इम्यूनाइजेशन कवरेज 78 परसेंट है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

- जेनरल डॉक्टर, स्पेशलाइज्ड डॉक्टर के म्08ख् पद पर नियुक्तिप्रक्रियाधीन

-मेडिकल सर्विसेज में क्ख्8फ् स्पेशलाइज्ड डॉक्टर और फ्भ्0 डेंटल