- नीतीश कैबिनेट में हम और रालोसपा को जगह नहीं मिलने से दिख रही नाराजगी
PATNA : नीतीश के मंत्रिमंडल ने कई नेताओं का पारा चढ़ा दिया है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को जगह नहीं दी गई है। रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा हरलाखी के विधायक सुधांशु शेखर को मंत्री बनाने के प्लान में थे लेकिन सीएम नीतीश कुमार राजी नहीं हुए। इसी तरह पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने अपनी पार्टी से फ् लोगों के नाम भेजे थे, लेकिन उन्हें भी जगह नहीं दी गई। इससे सियासत तेज हो गई है। मांझी ने अपनी नाराजगी एनडीए के केन्द्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दी है, जबकि कुशवाहा चुप्पी साध ली है।
- ऐसे हुई मशक्कत
- कैबिनेट में भाजपा के अलावा एनडीए के घटक दल रालोसपा, हम और लोजपा को भी जगह देने पर सहमति बनी थी।
- तीनों पार्टियों के कोटे से एक- एक मंत्री बनाया जाना था।
- विधानसभा में लोजपा व रालोसपा केदो-दो एवं हम के एक सदस्य हैं।
- मांझी ने गुरुवार को खुद मंत्री बनने से इन्कार कर दिया था और पार्टी के तीन लोगों के नाम भेजे थे।
- मांझी ने लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के नाम पर विरोध भी जताया था।
- मांझी को मनाने के लिए सुशील कुमार मोदी, नित्यानंद राय और नंद किशोर यादव शाम को उनके आवास पर पहुंचे थे
- लाख मनाने के बाद भी जीतन राम मांझी नहीं माने।
- लोजपा कोटे से विधायक राजकुमार साह व राजू तिवारी और विधान पार्षद नूतन सिंह को मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी
- चर्चा के बावजूद पार्टी ने पशुपति कुमार पारस का ही नाम भेजा गया।
- किसी भी सदन के सदस्य न होने के बाद भी पारस के नाम पर मुहर लग गई।
- पारस को अगले छह माह में सदन का सदस्य बनना होगा।
चर्चा है कि नीतीश के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी करने का खामियाजा उपेन्द्र कुशवाहा को भुगतना पड़ा।
- उपेंद्र की पार्टी के दो विधायक हैं
नीतीश कुमार ललन को मंत्रिमंडल में जगह देना चाहते थे, जबकि कुशवाहा सुधांशु पर अड़े रहे ऐसे में बात नहीं बनी