RANCHI : झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की सिविल सेवा परीक्षा में अब अधिकतम अवसर करी बाध्यता नहीं रहेगी। जेपीएससी से सी-सैट को भी वापस लेने का फैसला ले लिया गया है। छठी सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम उम्र गणना की तिथि अब 1 अगस्त 2010 के आधार पर की जाएगी। साक्षात्कार में भी न्यूनतम अर्हतांक की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने छठी सिविल सेवा परीक्षा से इन बदलावों के लिए किए गए अनुशंसा को मंजूरी दे दी है। इसे अब मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया जाएगा।

कमिटी का रिकोमेंडेशन

विधानसभा के 21 अगस्त से 28 अगस्त तक चले मॉनसून सेशन के दौरान असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा से सी-सैट हटाने, अधिकतम अवसर की बाध्यता खत्म करने और छठी सिविल सेवा परीक्षा के लिए कट ऑफ डेट को 1 अगस्त 2010 करने की मांग को लेकर खूब हंगामा हुआ था। विपक्ष ने सदन की कार्यवाही दो दिन बाधित कर दी थी। सदन में सी-सैट पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर जुबानी जंग चली थी। कई संगठनों ने भी सरकार से सिविल सेवा के इन तीनों मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। ऐसे में 28 अगस्त को मुख्यमंत्री ने जेपीएससी परीक्षा को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी बनाने की घोषणा की थी। कमिटी में वित्त सचिव और कार्मिक सचिव सदस्य थे। कमिटी को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया था। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन करते हुए समय सीमा में अपनी रिपोर्ट सौंप दी।

अभ्यर्थियों से भी सीएम ने की बात

अंतिम निर्णय लेने के पहले मुख्यमंत्री ने झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों की भी राय ली। इसके अलावा अधिकांश विधायकों के सुझाव भी मुख्यमंत्री ने लिए। बहुमत की यही राय थी कि प्रारंभिक परीक्षा में सी-सैट को शामिल करना सही नहीं होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट और अनुशंसा के आधार पर वापस लेने का आदेश दिया।

खत्म हो गई अवसर की अधिकतम सीमा

बीपीएससी और अन्य राज्यों की लोक सेवा आयोग की तर्ज पर झारखंड में भी सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम अवसर की सीमा खत्म कर दी गई है। अब उम्मीदवार अपने निर्धारित उम्र तक हर सिविल सेवा परीक्षा में बैठ सकता है। अवसर खत्म होने की चिंता नहीं रहेगी। इससे पहले जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में जेनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए चार, ओबीसी के लिए पांच, जेनरल, बीसी वन और बीसी टू के लिए छह और एससी व एसटी के लिए अवसर की कोई सीमा नहीं थी, लेकिन अब सभी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए अवसर की किसी तरह की बाध्यता नहीं रहेगी। वे निर्धारित उम्र तक कितनी भी अवसर ले सकते हैं।

कट ऑफ डेट अब एक अगस्त 2010

छठी सिविल सेवा परीक्षा में अब अधिकतम उम्र की गणना एक अगस्त 2010 और न्यूनतम उम्र की गणना 1 अगस्त 2015 से की जाएगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कट ऑफ डेट को पांच साल कम करने के अनुशंसा को मंजूरी दे दी है। इससे पहले आयोग ने छठी सिविल सेवा के लिए कट ऑफ डेट एक अगस्त 2015 कर दिया था, जबकि पांचवी सिविल सेवा परीक्षा में कट ऑफ डेट 1 अगस्त 2009 था। ऐसे में आयोग द्वारा कट ऑफ डेट को पांच साल आगे बढ़ाने के फैसला का सड़क से लेकर सदन तक विरोध हो रहा था। इस वजह से कई उम्मीदवार अवसर रहने के बाद भी उम्र खत्म हो जाने के कारण आवेदन करने से वंचित हो गए थे। अब न तो उम्र गुजर जाने की टेंशन है और न ही अवसर गंवाने का डर। उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सी-सैट वापस, पुरानी सिलेबस पर होगी परीक्षा

जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा से सी-सैट को हटा लिया गया है। अब पुराने सिलेबस के आधार पर ही पीटी और मेन्स लिया जाएगा। छठी सिविल सेवा के पीटी के विषय का नाम सामान्य अध्ययन होगा। इसमें दो पेपर होंगे। इसके अलावा मेन्स में जेनरल स्टडीज के अलावा उम्मीदवारों को दो ऑप्शनल पेपर रखने होंगे। बीपीएससी समेत अन्य राज्यों की लोक सेवा आयोग में अभी भी यही व्यवस्था है, जबकि जेपीएससी में इसबार से सिलेबस में बदलाव लाते हुए ऑप्शनल पेपर को हटाकर सी-सैट को लागू कर दिया गया था।