-नोटबंदी के सात माह बाद भी कैश को लेकर मचा है हाहाकार

-बैंक से लेकर न्ञ्जरू तक में है रुपयों की ष्ह्मद्बह्यद्बह्य

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नोटबंदी के बाद से करेंसी को लेकर बनारस में मचा हाहाकार अब तक शांत नहीं हुआ है। हर दिन बैंकों और एटीएम में करेंसी की क्राइसिस बनी हुई है। सिटी से लेकर रूरल एरिया तक के अधिकतर एटीएम खाली मिल रहे हैं। जहां कहीं थोड़े पैसे डाले जा रहे है, बमुश्किल कुछ ही घंटे में खत्म हो जा रहे हैं। बैंकों में भी मांग के अनुरूप कस्टमर्स को भुगतान नहीं मिल पा रहा है। यह हालात सभी बैंकों में हैं। नोटबंदी के सात माह बाद भी बैंकों में बड़े नोटों की कमी है। आरबीआई से पर्याप्त करेंसी नहीं भेजे जा रहे हैं। जबकि डिस्ट्रिक्ट में डेली डेढ़ से दो सौ करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है। ऊंट के मुंह में जीरा की कहावत को चरितार्थ करते हुए आरबीआई ने डेढ़ माह बाद लास्ट वीक 500 करोड़ की पहली खेप बनारस भेजी थी जो तीन से चार दिन में ही समाप्त हो गई।

जो जमा हो रहा वहीं निकल रहा

आरबीआई की ओर से पिछले सप्ताह मिले पांच सौ करोड़ रुपयों में भी 2000 व 500 के नोट कम थे। जबकि ज्यादा 100, 50, 20 व 10 रुपये के ही नोट थे। ऐसे में बैंकों में 2000 के वही नोट हैं, जो कस्टमर्स जमा कर रहे हैं। जिस अनुपात में बैंकों से 2000 रुपये के नोट निकाले गए थे, उसकी तुलना में बहुत कम नोट वापस आ रहे हैं। कस्टमर्स भी ज्यादातर छोटे नोट ही जमा कर रहे हैं। इससे बैंक को भी दिक्कत हो रही है।

एकाउंट होल्डर्स भी परेशान

लगन सीजन के कारण बैंकों में भीड़ ज्यादा उमड़ रही है। लेकिन पर्याप्त कैश नहीं होने से एकाउंट होल्डर्स को बार-बार बैंकों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। रुपये नहीं मिलने से बैंकों में आए दिन विवाद की स्थिति भी क्रिएट हो रही है। जबकि कुछ बैंकों में बड़े नोटों का भी संकट है। बड़े नोट की कमी के कारण एटीएम में ज्यादातर सौ रुपये के नोट ही भरे जा रहे हैं, जो जल्द ही खत्म हो जा रहे हैं। वहीं बैंकों का कामकाज भी छोटे नोटों के सहारे ही चल रहा है।

मार्केट में क्वाइन की कमी

कैश की क्राइसिस होने के साथ ही मार्केट में क्वाइन की भी शॉर्टेज है। कहीं-कहीं क्वाइन मिल रहा है तो उसमें सबसे अधिक दस का ही है। हालांकि इसमें भी असली-नकली को लेकर पब्लिक और दुकानदारों में बहुत भ्रम की स्थिति है। एक, दो और पांच के क्वाइन भी बमुश्किल से मिल रहे हैं।

शहर में हर दिन डेढ़ सौ करोड़ कैश की जरूरत है। मांग के अनुरूप आरबीआई की ओर से कम रुपये भेजे जा रहे हैं। यही वजह है कि बैंकों व एटीएम में कैश की क्राइसिस है। हालांकि सप्ताह भर में कैश की किल्लत से निजात मिल जाएगी।

रंजीत कुमार सिंह, एलडीएम, यूनियन बैंक

हर दिन कैश की खपत के अनुरुप बैंकों को आरबीआई से करेंसी नहीं मिल पा रही है। इसलिए कैश की किल्लत है। हालांकि बहुत जल्द कैश की प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी।

संजय पांडेय, एजीएम,

एसबीआई

हाईलाइट्स

500

करोड़ मिले थे 7 जून को

150

करोड़ हर दिन कैश की है खपत

50

लाख के आसपास है बड़े नोटों की कमी

39

डिस्ट्रिक्ट में हैं बैंक्स

450

से अधिक हैं सिटी में बैंकों की ब्रांच

16

विभिन्न बैकों की है करेंसी चेस्ट

654

हैं विभिन्न बैंकों के एटीएम